[ad_1]
हाइलाइट्स
मैदान पर गूंजती थी ‘वी वांट सिक्सर’ की आवाज
छक्के लगाकर खूब मनोरंजन करते थे सलीम दुर्रानी
बाएं हाथ के बैटर और स्पिनर के तौर पर 29 टेस्ट खेले
नई दिल्ली. गठीले शरीर और बला के खूबसूरत भारतीय टीम (Indian cricket team) के इस क्रिकेटर को मैदान पर देखने के लिए दर्शकों की भीड़ उमड़ती थी. 60 और 70 के दशक में भारतीय क्रिकेट में सलीम दुर्रानी (Salim Durani) ने ऑलराउंडर के तौर पर खास पहचान बनाई. बाएं हाथ के इस बल्लेबाज के मैदान पर पहुंचते ही दर्शकों की ‘वी वांट सिक्सर’ की आवाज गूंजने लगती थी और ज्यादातर बार यह फरमाइश पूरी होती थी. स्टेडियम के जिस कोने से ‘सिक्सर’ के लिए आवाज आती थी, दुर्रानी उसी तरफ छक्का लगाकर फैंस का भरपूर मनोरंजन करते थे.
इंटरनेशनल क्रिकेटर के तौर पर सलीम दुर्रानी ने केवल 29 टेस्ट खेले लेकिन उन्हें ऐसी शोहरत मिली जिस पर उनसे अधिक मैच खेलने वाले क्रिकेटर भी रश्क करते थे. दुर्रानी वर्ष 1934 में आज के दिन यानी 11 दिसंबर को अफगानिस्तान के काबुल शहर में पैदा हुए थे. जब सलीम केवल 8 महीने के थे तभी उनका परिवार अफगानिस्तान से कराची आ गया. बाद में जब देश का बंटवारा हुआ तो वे और उनका परिवार भारत में बस गया. अप्रैल 2023 में उनका निधन गुजरात के जामनगर में हुआ. दुर्रानी आज जीवित होते तो 89 वर्ष के होते.
सलीम दुर्रानी ने बाएं हाथ के बैटर और स्पिनर के तौर पर 29 टेस्ट में 25.04 के औसत से 1202 रन बनाए जिसमें 1 शतक और 7 अर्धशतक शामिल रहे. अपनी गेंदबाजी से उन्होंने 75 विकेट भी हासिल किए और 73 रन देकर छह विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. मैच में 10 विकेट लेने की उपलब्धि भी उनके नाम पर है. 1960 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बंबई (अब मुंबई) में टेस्ट डेब्यू करने वाले दुर्रानी की लोकप्रियता इस कदर थी कि उनका चयन होने की स्थिति में ‘दुर्रानी नहीं तो टेस्ट नहीं’ के नारे लगते थे. दुर्रानी के इंटरनेशनल क्रिकेट के आंकड़े उनके खेल कौशल से न्याय नहीं करते. आक्रामक तेवर के बैटर होने के कारण कई बार सेट होने के बावजूद वे विकेट गंवा देते थे. वैसे, घरेलू क्रिकेट में उन्होंने रनों और विकेट का खूब अंबार लगाया.170 फर्स्ट क्लास मैचों में 33.37 के औसत से 8545 रन (14 शतक) बनाने के अलावा 26.09 के औसत से उन्होंने 484 विकेट हासिल किए.
इंटरनेशनल क्रिकेट की बात करें तो 1964 के इंडीज दौरे पर चौथे टेस्ट मैच में दुर्रानी ने ऐसी पारी खेली थी जिसे आज भी याद किया जाता है. पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट में इंडीज टीम ने पहले बैटिंग करते हुए 444 रन बनाए थे जिसके जवाब में भारत की पहली पारी 197 रन पर ही सिमट गई थी. फॉलोऑन का सामना कर रहे भारत की हार लगभग तय नजर आ रही थी लेकिन वेस्ले हाल, लांस गिब्स और गैरी सोबर्स नामी गेंदबाजों की बहादुरी से सामना करते हए दुर्रानी ने दूसरी पारी में शतक (104 रन) जमाया. पॉली उमरीगर (172) के साथ भारतीय टीम की दूसरी पारी को 422 रन तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया. मैच में वेस्टइंडीज को जीत के लिए 176 रनों का लक्ष्य मिला जिसे उसने महज तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया लेकिन दुर्रानी और उमरीगर की जीवट भरी पारी के लिए इस टेस्ट को आज भी याद किया जाता है.
6 फरवरी 1973 को टेस्ट करियर का अंतिम मैच खेलने वाले सलीम दुर्रानी को भारत सरकार की ओर से प्रतिष्ठित अर्जुन अवार्ड से भी नवाजा गया था. क्रिकेट से रिटायर होने के बाद उन्होंने बॉलीवुड में भी ‘छोटी पारी’ खेली. उन्होंने बॉलीवुड फिल्म ‘चरित्र’ में परवीन बॉबी के अपोजिट काम किया लेकिन यह फिल्म नहीं चली और कामयाब एक्टर बनने की उनकी हसरत पूरी नहीं हो सकी.
.
Tags: Cricket, Indian cricket
FIRST PUBLISHED : December 11, 2023, 14:04 IST
[ad_2]
Add Comment