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बांग्लादेश क्रिकेट टीम ने अफगानिस्तान के खिलाफ खेले गए एकमात्र टेस्ट मैच को शनिवार को जीतते हुए इतिहास रच दिया है। बांग्लादेश ने मीरपुर में खेले गए इस मुकाबले को चौथे दिन शुरुआती समय में ही अपने नाम कर लिया। इससे पहले तीसरे दिन बांग्लादेश ने अपनी दूसरी पारी 425 रन पर घोषित करते हुए अफगान टीम को 662 रनों का लक्ष्य दिया था। जवाब में पूरी अफगानिस्तान की टीम दूसरी पारी में 115 रनों पर ही सिमट गई। जबकि पहली पारी में टीम ने सिर्फ 146 रन ही बनाए थे।
बांग्लादेश की टीम ने 546 रनों से यह मुकाबला जीता जो कि टेस्ट मैच में रनों के लिहाज से ओवरऑल तीसरी सबसे बड़ी जीत है। वहीं 21वीं सदी की यह सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले साल 2018 में साउथ अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को 492 रनों से हराया था। बांग्लादेश की इस जीत में बल्लेबाजों के साथ-साथ गेंदबाजों का भी योगदान रहा। बांग्लादेश के कप्तान लिट्टन दास ने अफगानिस्तान को फॉलोऑन ना देकर खुद दूसरी पारी में खेलने का फैसला किया था। अगर वह यह ना करते तो शायद यह रिकॉर्ड भी नहीं बन पाता और बांग्लादेश की टीम पारी से मैच जीत सकती थी।
टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी जीत (रनों के लिहाज से)
- इंग्लैंड ने 675 रनों से ऑस्ट्रेलिया को हराया, 1928
- ऑस्ट्रेलिया ने 562 रनों से इंग्लैंड को हराया, 1934
- बांग्लादेश ने 546 रनों से अफगानिस्तान को हराया, 2023
- ऑस्ट्रेलिया ने 530 रनों से साउथ अफ्रीका को हराया, 1911
- साउथ अफ्रीका ने 492 रनों से ऑस्ट्रेलिया को हराया, 2018
नजमुल हसन शंटो ने भी रचा इतिहास
इस मैच की दोनों पारियों में 146 और 124 रनों की पारी खेलकर शतक लगाने वाले नजमुल हसन शंटो ने भी इतिहास रचा। वह बांग्लादेश के लिए टेस्ट क्रिकेट की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले दूसरे खिलाड़ी बने। उनसे पहले मोमिनुल हक ने ऐसा किया था। इसके अलावा बांग्लादेश के लिए इस मैच में शोरिफुल इस्लाम, एबादत होसेन और तस्किन अहमद ने शानदार गेंदबाजी की। दोनों पारी मिलाकर तस्किन ने 4 (0, 4), एबादत ने 5 (4,1) और शोरिफुल ने 5 (2, 3) विकेट अपने नाम किए।
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