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WFI Chairman: भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव का आयोजन 21 दिसंबर को किया गया। जहां कुश्ती महासंघ के चुनाव में बृजभूषण के करीबी संजय कुमार सिंह को जीत हासिल हुई है। संजय सिंह का मुकाबला अध्यक्ष पद के लिए कॉमन वेल्थ गेम में गोल्ड मेडल जीत चुकी अनीता श्योराण से था। जहां उन्हें बंपर जीत हासिल हुई है।
कौन हैं संजय सिंह?
संजय कुमार सिंह जो अब WFI के नए अध्यक्ष के रूप में काम करेंगे उन्हें बबलू के नाम से भी जाना जाता है। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के चंदौली के रहने वाले हैं। उनके गांव का नाम झांसी है। संजय सिंह का कुश्ती से पुराना नाता रहा है। उनके पिता और दादा दंगल कराया करते थे। वो उत्तर प्रदेश के कुश्ती संघ और राष्ट्रीय कुश्ती संघ दोनों में पदाधिकारी रहे चुके हैं।
इन्हें मिली उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी
भारतीय कुश्ती महासंघ में एक बड़े घटनाक्रम में संजय सिंह को महासंघ का अध्यक्ष चुने जाने के अलावा एके साहा, जय प्रकाश, करतार सिंह और श्री फौनी को उपाध्यक्ष की भूमिका के लिए चुना गया है। साथ ही लोकांत को कुश्ती संस्था में महासचिव के रूप में चुना गया है। सिंह ने राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण को 40:7 के अंतर से हराया। श्योराण निकाय की पहली महिला अध्यक्ष बनने के लिए मैदान में थीं।
पहलवानों ने किया था विरोध
संजय सिंह बृजभूषण शरण सिंह के करीबी माने जाते हैं। बृज भूषण ने मतदान के दिन कहा कि डब्ल्यूएफआई चुनाव 11 महीने बाद हो रहा है। यूपी कुश्ती महासंघ के उपाध्यक्ष संजय सिंह की जीत निश्चित है। विरोध करने वाले कुछ पहलवानों साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया को संजय सिंह के चुनाव लड़ने पर आपत्ति थी और उन्होंने इस पर आवाज भी उठाई थी।
बृजभूषण शरण सिंह पहले संस्था के प्रमुख थे लेकिन पहलवानों के उनके खिलाफ विरोध के चलते उन्होंने पद छोड़ दिया था। कई बड़े भारतीय पहलवानों ने शरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और उन पर यौन आरोप लगाए। पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में बैठ गए और यहां तक कि विरोध प्रदर्शन के दौरान अपने पदकों को गंगा नदी में बहा देने की धमकी भी दी।
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