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AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सरकार रेगुलेट करने की तैयारी में है। लोकसभा चुनाव 2024 के बाद सरकार AI को लेकर कंसल्टेशन पेपर इंडस्ट्री बॉडी और स्टेकहोल्डर्स के लिए जारी कर सकती है। केन्द्रीय आईटी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने AI को रेगुलेट करने की तैयारी के बारे में बताया है। इससे पहले भी सरकार टेक कंपनियों Google, Microsoft, OpenAI आदि को AI मॉडल्स की टेस्टिंग के लिए परमिशन लेने के लिए कहा है। इसके संदर्भ में एक एडवाइजरी भी जारी की गई है।
AI रेगुलेटरी स्ट्रक्चर की तैयारी
केन्द्रीय आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने ET के साथ हुए इंटरव्यू में कंफर्म किया कि वो AI को लेकर रेगुलेटरी स्ट्रक्चर पर काम कर रहे हैं। सरकार लोकसभा चुनाव के बाद फॉर्मल कंसल्टेशन प्रक्रिया शुरू करेगी। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हमारा एक विचार AI के लिए सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी बनाने का है। लेकिन हमें नहीं लगता कि यह पर्याप्त होगा। हमारा विचार है कि यह रेगुलेशन लेजिस्लेटिव पद्धति से होना चाहिए। हम पहले ही इंडस्ट्री से इसके बारे में परामर्श कर चुके हैं। चुनाव के बाद हम औपचारिक परामर्श प्रक्रिया शुरू करेंगे और कानून बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
आईटी मिनिस्टर ने यह भी कहा कि बैलेंस रेगुलेशन इंप्लिमेंट होने के बाद इनोवेशन और क्रिएटिविटी में किसी भी तरह की बाधा न आए यह सुनिश्चित किया जाएगा। AI लेकर बनाए गए नियम कॉपीराइट, वित्तीय और फाइनेंशियल चिंताओं का समाधान करने के लिए होगा। AI की वजह से इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स को बचाने में आ रही चुनौतियों को नियम बनने के बाद दूर कर लिया जाएगा।
कॉपीराइट की दिक्कतें होंगी दूर
ग्लोबली भी कई बड़े लेखकों ने टेक कंपनियों को पत्र लिखकर कहा है कि वो उनके कॉपीराइट वर्क को किसी AI मॉडल को ट्रेन करने और कॉन्टेंट जेनरेट करने के लिए इस्तेमाल नहीं करें। हाल ही में, अमेरिकी लीडिंग मीडिया हाउस ने ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI और Microsoft के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। अपने AI मॉडल को ट्रेन करने के लिए इन कंपनियों ने द न्यूयॉर्क टाइम्स के न्यूज आर्टिकल का इस्तेमाल बिना उनकी अनुमति के किया है, जिसे लेकर यह मुकदमा दायर किया गया है।
टेक कंपनियों की बढ़ेगी मुश्किल!
भारत में भी डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (DNPA) ने भी AI मॉडल से कॉपीराइट प्रोटेक्शन की मांग की है। सरकार द्वारा AI रेगुलेशन लाने के बाद इन कॉपीराइट की दिक्कतों को दूर करने में सफलता मिल सकती है। हालांकि, इससे टेक कंपनियों Google, Microsoft, OpenAI आदि को अपने AI मॉडल को ट्रेनिंग देने में दिक्कत आ सकती है।
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