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MakeMyTrip और Goibibo को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर बवाल मचा हुआ है। यूजर्स इन दोनों ट्रैवल प्लेटफॉर्म को Boycott करने की मांग कर रहे हैं। देखते ही देखते X पर #boycottmakemytrip ट्रेंड करने लगा। कई यूजर्स ने तो MakeMyTrip और Goibibo ऐप को अपने स्मार्टफोन से डिलीट करने की बात कही है। यूजर्स ने इन दोनों ऐप्स को लेकर कई मीम्स भी शेयर किए हैं। आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर इन दोनों ट्रैवल बुकिंग ऐप्स को लेकर एकदम से यह बवाल क्यों मच गया है? जानते हैं पूरा मामला क्या है…
क्या है मामला?
दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रैवल कंपनियों द्वारा यात्रियों के निजी डेटा को सुरक्षित रखने को लेकर एक PIL दायर की गई है। हालांकि, माननीय उच्च न्यायालय ने इस PIL को रिजेक्ट कर दिया और बताया कि इसके लिए सरकार की तरफ से कोई रिप्रजेंटेशन नहीं है। PIL दर्ज करने वाले आवेदक को कहा कि वो भारत सरकार के ग्रीवांस फोरम में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करें।
दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रैवल कंपनियों द्वारा यूजर्स के डेटा का दुरुपयोग करने वाले मामले को लेकर दायर PIL के बाद से ही दो लीडिंग ट्रैवल कंपनियां MakeMyTrip और Goibibo ट्रेंड करने लगे। साथ ही, यूजर्स ने अन्य ट्रैवल कंपनियों जैसे कि EaseMyTrip आदि के भी मीम्स X पर शेयर किए हैं।
निजी डेटा के गलत इस्तेमाल की आशंका
ट्रैवल कंपनियों द्वारा यात्रियों के निजी डेटा के गलत इस्तेमाल को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में कहा गया कि विदेशी ट्रैवल कंपनियां न सिर्फ आम नागरिकों के निजी डेटा को कलेक्ट करते हैं, बल्कि उनके पास देश के प्रमुख हस्तियों, मंत्रियों, सिविल सर्वेंट और उनके परिवार, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के जज आदि का डेटा भी रहता है।
दिल्ली हाई कोर्ट में बीजेपी के नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने यह PIL दायर किया था। अपने पिटीशन में ट्रैवल कंपनियों द्वारा यात्रियों के आधार और पासपोर्ट की जानकारियों के गलत इस्तेमाल की आशंका जताई गई। दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रैवल कंपनियों द्वारा यात्रियों के निजी डेटा को लेकर दायर याचिका में यह भी दावा किया गया कि कई कंपनियां भारत में आंशिक तौर पर काम कर रही हैं। इन कंपनियों को पूरी तरह से चीनी निवेशकों द्वारा ऑपरेट किया जा रहा है।
हालांकि, ट्रैवल कंपनियों की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में डेटा चोरी को लेकर दायर PIL पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। इस दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई यूजर्स ने इन ट्रैवल कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और ऐप्स डिलीट करने का फैसला किया है।
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