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कमल किशोर पिमोली/ श्रीनगर गढ़वाल. अब गंभीर से गंभीर बीमारी की जांच और उसका इलाज उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल स्थित बेस अस्पताल में हो रहा है. राजकीय मेडिकल कॉलेज से संबद्ध बेस चिकित्सालय में डॉक्टरों ने पांच साल से परेशान बच्ची में दुर्लभ रोग का पता लगाया है. इसके लिए पैथोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने बोन मैरो की गहन जांच की. जांच में इडियोपैथिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक परप्यूरा (आई. टी. पी.) रोग की पुष्टि हुई है. यह रोग बहुत ही दुर्लभ है. रोग की पुष्टि होने के बाद अब बच्ची का सही इलाज हो पाएगा.
रुद्रप्रयाग जिले के जखोली क्षेत्र से एक दस वर्षीय लड़की इलाज के लिए बेस अस्पताल श्रीनगर आई थी. उसके शरीर में चकत्ते बनना और पेशाब में खून आने की शिकायत थी. बीमार बच्ची बीते पांच साल से परेशान थी और विभिन्न बीमारियों को लेकर दवा खाने के बाद भी ठीक नहीं हो पा रही थी. इससे पहले रोग की जानकारी न होने से ठीक करने के लिए कई प्रकार की दवाइयां खा चुकी थी. यहां तक कि दिल्ली सहित अन्य अस्पतालों में इलाज के लिए भी गई थी, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया. वहीं कई जगह जांच कराने के बाद भी बीमारी का पता नहीं चल पा रहा था. इसके बाद परेशान मरीज व उसके परिजन बेस अस्पताल पहुंचे.
बोन मैरो से की गई जांच
पैथोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सचान भट, डॉ पवन भट और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सृजन श्रीवास्तव द्वारा लड़की के बोन मैरो के जरिए जांच करने का फैसला लिया गया, जिससे कि बीमारी का सही से पता चल सके. डॉ सृजन श्रीवास्तव ने बताया कि जांच में पाया गया कि लड़की एक दुर्लभ रोग आईटीपी (Immune Thrombocytopenic Purpura) से ग्रसित है. रोग की पुष्टि होने के बाद अब इलाज संभव हो पाएगा. डॉक्टर सृजन ने बताया कि अब बालिका का उपचार सही ढंग से हो सकेगा क्योंकि अब डॉक्टरों को मालूम है कि आखिर मरीज को बीमारी कौन सी है. इस बीमारी में खून के सेल्स यानी प्लेटलेट्स के बड़े सेल्स के कारण यह बीमारी हुई है.
शरीर की इम्युनिटी से ठीक हो सकता है रोग
एसो. प्रोफेसर डॉ. सचान भट ने बताया कि यह एक ऑटो इम्यून डिजीज है. इसमें प्रिकॉशन कुछ कार्य नहीं करता है. बॉडी खुद ही ऑटो इम्युनिटी से बोन सेल्स को खुद ही खत्म करती है. इसमें अर्ली डायगनोसिस की जरूरत है, जिससे कि पेशाब में खून आने शरीर में खून के चकत्ते न बनें. उन्होंने बताया कि इस बीमारी में अक्सर प्लेटलेट्स गिरने की संभावना भी बनी रहती है.
50 से 100 रुपये में बोन मैरो की जांच
जहां बोन मैरो की जांच के लिए मरीजों को भारी भरकम फीस देनी होती है, तो वहीं राजकीय मेडिकल कॉलेज के बेस अस्पताल में मात्र 50 से 100 रुपये की फीस में कई जांचें हो रही हैं. इनमे बोन मैरो की जांच भी शामिल है. वहीं कई जांचें बेस अस्पताल में मुफ्त में भी कराई जा रही हैं. इसका लाभ चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और पौड़ी जिले के लाखों मरीज ले रहे हैं.
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Tags: Health News, Hindi news, Local18
FIRST PUBLISHED : August 16, 2023, 11:18 IST
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