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सीमा कुमारी
नई दिल्ली: मौजूदा दौर में ज्यादातर घरों में वेस्टर्न टॉयलेट (western toilet) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ता जा रहा हैं। कुछ लोग जहां अपनी सुविधा के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं, तो वहीं कुछ समय के साथ बदलते ट्रेंड को फॉलो करने की चक्कर में इसे अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बना रहे हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपनी सुविधा के लिए आप जिस ‘वेस्टर्न टॉयलेट'(western toilet) का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह असल में आपकी सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकती है। अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो इन दिनों इंडियन टॉयलेट को छोड़ वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आज हम जानेंगे वेस्टर्न टॉयलेट से ज्यादा इंडियन टॉयलेट क्यों बेहतर है? आइए जानें इस बारे में-
एक्सपर्ट्स के अनुसार,इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल करने से आपके पेट पर दबाव पड़ता है, जिससे आपका डाइजेशन अच्छा होता है और पेट भी अच्छे से साफ होता है। लेकिन वेस्टर्न टॉयलेट के इस्तेमाल से पेट पर दबाव नहीं पड़ता, जिससे पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल करने से पेट तो साफ रहता ही है, लेकिन इससे पेट से जुड़े कोलन कैंसर और अन्य बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है। दरअसल, इंडियन पॉट पर बैठने से पेट अच्छी तरह साफ होता है, जिससे कब्ज अपेंडिसाइटिस, कोलन कैंसर समेत अन्य बीमारियां होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं।
इंडियन टॉयलेट (Indian Toilet) आपको सेहतमंद बनाए रखने में काफी मददगार साबित हो सकता है। दरअसल, इसके इस्तेमाल से आपके पूरे शरीर की एक्सरसाइज होती है। इंडियन टॉयलेट में 10 से 15 मिनट तक बैठना जिम में स्क्वाट करने के ही बराबर है, जिससे आप फिट तो रहते ही है। साथ ही शरीर का ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छा रहता है।
शायद आप यह जानते होंगे कि इंडियन टॉयलेट (Indian Toilet) ‘गर्भवती महिलाओं’ के लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। दरअसल, इस पर बैठने से महिलाओं में स्क्वाट्स लगाने की पोजिशन में आती हैं, जिससे नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि, स्कूल-कॉलेज, दफ्तर या घर में बने वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करते समय ज्यादा मात्रा पानी और पेपर का इस्तेमाल होता है, जिससे इनकी काफी बर्बादी होती है। लेकिन इसके विपरीत इंडियन टॉयलेट में पेपर की कोई जरूरत नहीं होती और पानी भी सीमित मात्रा में इस्तेमाल होता है।
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