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हाइलाइट्स
हर साल 29 मई को अंतरराष्ट्रीय माउंट एवरेस्ट दिवस मनाया जाता है.
साल 1953 में इसी दिन पहली बार एवरेस्ट को फतह किया गया था.
10 Indians Who Scaled Mount Everest: हिमालय पर्वत की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट है, जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है. इस चोटी पर पहुंचना हर पर्वतारोही का सपना होता है. कई दशकों तक माइनस में तापमान और विकट परिस्थितियों के बीच इस चोटी पर पहुंचना बेहद मुश्किल काम था. तमाम कोशिशों के बाद भी कई लोग यहां पहुंचने में असफल रहे थे. 70 साल पहले सन 1953 में न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी और नेपाल के शेरपा तेनजिंग नोर्गे ने पहली बार एवरेस्ट पर पहुंचकर इतिहास रचा था. यह 29 मई का दिन था, जब दोनों पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट पर कदम रखा था. इसी के उपलक्ष्य में हर साल 29 मई को इंटरनेशनल माउंट एवरेस्ट डे (International Mount Everest Day) मनाया जाता है. इस खास दिन को सेलिब्रेट करने की शुरुआत 2008 में हुई थी.
साल 1953 में एवरेस्ट फतह करने का सिलसिला शुरू हुआ और लगातार एक के बाद एक कई लोगों ने इस शिखर पर पहुंचने में सफलता हासिल की. सन 1965 में भारतीय सेना के कैप्टन अवतार सिंह चीमा ने इस चोटी को फतह कर लिया. वे इस शिखर पर पहुंचने वाली पहले भारतीय बने. उनके बाद बछेंद्री पाल ने इस चोटी पर पहुंचकर पहली भारतीय महिला द्वारा यह मुकाम हासिल करने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. आज आपको बताएंगे कि भारत की तरफ से सबसे पहले किन 10 लोगों ने दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर पहुंचकर तिरंगा फहराया था.
एवरेस्ट पर सबसे पहले पहुंचने वाले 10 भारतीय
– भारतीय सेना के कैप्टन अवतार सिंह चीमा ने 1965 में माउंट एवरेस्ट को फतह कर तिरंगा फहराया. ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय और दुनिया के 16वें व्यक्ति बने. चीमा ने भारतीय सेना की टीमों द्वारा दो असफल प्रयासों के बाद यह उपलब्धि हासिल की थी.
– सोनम ग्यात्सो और सोनम वांग्याल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले भारतीय सिब्लिंग थे. अवतार सिंह चीमा के ठीक दो दिन बाद उन्होंने 1965 में यह उपलब्धि हासिल की थी.
– बछेंद्री पाल ने 1984 में माउंट एवरेस्ट की चोटी को फतह कर लिया. वे इस शिखर पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. उन्हें माउंट एवरेस्ट पर भारत की पहली मिक्स-जेंडर यात्रा का हिस्सा बनने के लिए चुना गया था.
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– संतोष यादव ने विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी को एक बार नहीं, बल्कि दो बार फतह किया. संतोष 10 मई 1993 को दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला बनीं.
– ताशी और नुंग्शी मलिक 19 मई 2013 को माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाले पहले जुड़वां बच्चे बने. उन्होंने भी एवरेस्ट फतह कर अनोखा रिकॉर्ड बना लिया.
– अरुणिमा सिन्हा ने दिव्यांग होने के बावजूद अपने बुलंद हौसलों की दम पर माउंट एवरेस्ट को फतह कर लिया. 21 मई 2013 को अरुणिमा सिन्हा यह उपलब्धि हासिल करने वाली दुनिया की पहली दिव्यांग महिला बनी.
– मालवथ पूर्णा 25 मई, 2014 को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली सबसे कम उम्र की लड़की बनीं. वह 13 साल और 11 महीने की थीं, जब वह शिखर पर पहुंचीं. उन्होंने कम उम्र में बड़ा कारनामा कर देश का नाम रोशन किया.
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– अंशु जमसेंपा दुनिया की पहली महिला है, जिन्होंने सीज़न में माउंट एवरेस्ट के शिखर पर दो बार चढ़ाई की है.: अंशु ने 16 से 21 मई 2017 के बीच एक सीजन में दो बार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई की.
– अजीत बजाज और दीया सुसन्ना बजाज ने 16 मई 2018 को एवरेस्ट फतह किया. इसी के साथ उनके नाम भी अनोखा रिकॉर्ड दर्ज हो गया. पहली बार किसी पिता और पुत्री ने एक साथ यह कारनामा किया था.
– विकास शंभु प्रसाद डिमरी एवरेस्ट पर चढ़ने वाले भारत के पहले फुल टाइम बैंकर थे. उन्होंने 18 मई 2018 को उपलब्धि हासिल की.
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Tags: Lifestyle, Mount Everest, Travel, Trending news
FIRST PUBLISHED : May 29, 2023, 11:09 IST
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