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अमेरिकी की सख्ती के बावजूद चीन जासूसी करने की आदतों से बाच नहीं आ रहा है। यूएसए के बाद अब एशिया के अन्य देशों में चीन का जासूसी गुब्बारा देखे जाने से खलबली मच गई है। ब्रिटिश मीडिया ने जापान और ताइवान समेत अन्य देशों के ऊपर चीन द्वारा जासूसी गुब्बारे उड़ाए जाने के सोमवार को नए सबूत दिए। ये सबूत तब सामने आए जब महीनों पहले अमेरिकी तट पर ऐसा ही एक गुब्बारा गिराए जाने के बाद से अमेरिका-चीन के संबंधों में और खटास आ गयी है। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) को पूर्वी एशिया पार करते गुब्बारों की कई तस्वीरें मिली हैं। उसे उपग्रहों द्वारा लिए गए भारी संख्या में आंकड़ों की जांच करने वाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंपनी सिंथेटिक के साथ काम करते हुए ये तस्वीरें मिली हैं।
बीबीसी की खबर के मुताबिक, कंपनी के संस्थापक कोरे जैसकोलस्की को एक गुब्बारे के सितंबर 2021 में उत्तरी जापान को पार करने का सबूत मिला है। इन तस्वीरों को पहले प्रकाशित नहीं किया गया। जैसकोलस्की का यह भी मानना है कि सबूतों से पता चलता है कि इस गुब्बारे को चीन के अंदरूनी क्षेत्र से छोड़ा गया था। अमेरिका-चीन के संबंध इस साल फरवरी में तब और बिगड़ गए थे जब तीन बसों के आकार जितना बताए जाने वाले चीन के एक जासूसी गुब्बारे को अमेरिकी सैनिकों ने अटलांटिक महासागर के तट पर मार गिराया था। चीन लगातार दावा करता रहा है कि अमेरिकी वायु क्षेत्र में दिखा गुब्बारा असैन्य उद्देश्य वाला था, जिसका इस्तेमाल मौसम विज्ञान जैसे वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए किया गया।
चीन क्यों कर रहा दुनिया की जासूसी
चीन के इरादे बेहद खतरनाक हैं। इसलिए वह एक के बाद एक दुनिया के भिन्न-भिन्न देशों की जासूसी कर रहा है। जैसकोलस्की के विश्लेषण से पता चलता है कि फरवरी में अमेरिकी क्षेत्र में उड़ान भरने वाला गुब्बारा एक वक्त में मोंटाना राज्य में परमाणु वायु रक्षा प्रतिष्ठान से महज 130 किलोमीटर दूर था। लंदन में चीन के दूतावास ने एक बयान में अमेरिका पर बड़ी संख्या में अत्यधिक ऊंचाई पर गुब्बारे छोड़ने का आरोप लगाया जिन्होंने लगातार विश्व को घेरा है और गैरकानूनी तरीके से चीन के हवाई क्षेत्र में उड़ान भरी है। बीबीसी ने चीनी दूतावास के बयान के हवाले से कहा, ‘‘चीन एक जवाबदेह देश है जो अंतरराष्ट्रीय कानून का हमेशा सख्ती से पालन करता है और सभी देशों की संप्रभुत्ता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है। (भाषा)
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