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एक तरफ इजरायल-हमास और दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध ने दुनिया भर में दहशत और खतरे का माहौल पैदा कर दिया है। दोनों युद्ध किस मोड़ पर दुनिया को ले जाएंगे, यह कह पाना बेहद मुश्किल हो रहा है। मगर जिस तरह से दुनिया रूस-यूक्रेन युद्ध और फिर अब इजरायल हमास युद्ध पर दो ध्रुवों में बंटती नजर आ रही है, उसने तीसरे विश्व युद्ध के खतरे को और बढ़ा दिया है। दोनों ही युद्धों में भारी संख्या में आम नागरिक भी मारे जा रहे हैं। इस युद्ध ने मानवीयता की भी हत्या कर दी है। युद्ध में अस्पताल और स्कूल तक को निशाना बनाया जा रहा है। इस दौर में इजरायल और हमास युद्ध अपने सबसे भीषण दौर में है। ऐसे वक्त में इजरायल का साथ देने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन तेल अवीव पहुंचे तो रूस-यूक्रेन युद्ध में चीन का साथ मांगने पुतिन बीजिंग में हैं। एक साथ घटित हो रही इन दोनों घटनाओं के क्या मायने हैं, इसका मर्म समझना ज्यादा मुश्किल नहीं है। जाहिर है कि दुनिया युद्ध के और अधिक विकराल जाल में जकड़ती जा रही है।
इन युद्धों में कौन देश किसका साथ देगा, यह सब नैरेटिव पहले से सेट है। अमेरिका रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन के साथ तो इजरायल हमास युद्ध में इजरायल के साथ है। चीन भी इसमें कहां पीछे रहने वाला है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी अपने मित्र देश रूस का युद्ध में साथ दे रहे हैं। वहीं इजरायल हमास युद्ध में वह फिलिस्तीन की ओर हैं। इजरायल हमास युद्ध ने तो सभी इस्लामिक राष्ट्रों में विरोध की आग भड़का दी है। लेबनान और ईरान भी एक तरह से इजरायल के खिलाफ जंग में कूद पड़े हैं। लेबनान इजरायल के उत्तरी सीमा क्षेत्र में एंटी टैंक मिसाइल से हमला भी कर चुका है। वर्ल्ड ऑर्डर तेजी से बदल रहा है। युद्ध लगातार विकराल रूप धारण करते जा रहे हैं। यह और भी बड़े विनाश का संकेत दे रहे हैं। भारत अपनी पोजीशन लेते हुए दोनों युद्धों में सत्य और मानवता के साथ तटस्थ खड़ा है। जबकि ऐसे वैश्विक माहौल में किसी भी देश के लिए तटस्थ रहकर पूर्व और पश्चिम को साधना आसान नहीं है। मगर भारत की कूटनीति भी नए दौर में है। नए भारत की नई ताकत भी दुनिया देख रही है।
पुतिन और जिनपिंग की मुलाकात में क्या हुआ
रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीनी नेता शी चिनफिंग ने बुधवार को बीजिंग में मुलाकात की और विदेश नीति में करीबी समन्वय का आह्वान किया, क्योंकि यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण और ताइवान के खिलाफ बीजिंग के बढ़ते जोखिम पर पश्चिम के साथ संभावित टकराव को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। अपनी सुबह की बैठक में शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन ने व्यापार और शी की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव’ पहल की 10वीं वर्षगांठ पर चर्चा की। ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) के तहत दुनियाभर में बिजली संयंत्र, सड़कें, रेलमार्ग और बंदरगाह बनाए गए हैं। अफ्रीका, एशिया, लातिनी अमेरिका और पश्चिम एशिया के साथ चीन के संबंध गहरे हुए हैं। लेकिन परियोजनाओं को वित्तपोषित करने वाले भारी ऋण ने गरीब देशों पर बड़ा कर्ज का बोझ डाल दिया है, जिससे कुछ मामलों में चीन ने उन संपत्तियों पर नियंत्रण कर लिया है।
पुतिन ने क्या कहा
पुतिन ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, ‘‘मौजूदा कठिन परिस्थितियों में, करीबी विदेश नीति समन्वय की विशेष रूप से आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा, ”इसलिए, द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में, हम बहुत आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहे हैं।”पिछले फरवरी में यूक्रेन पर रूस की कार्रवाई से कुछ हफ्ते पहले, पुतिन ने बीजिंग में शी से मुलाकात की थी और दोनों पक्षों ने ‘‘असीमित रिश्तों’’ का वादा करते हुए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यूक्रेन पर रूस के युद्ध में खुद को तटस्थ शांति के पैरोकार एवं मध्यस्थ के रूप में पेश करने की बीजिंग की कोशिशों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने व्यापक रूप से खारिज कर दिया है। इस बीच, चीन ने स्व-शासित ताइवान के खिलाफ अपने रुख को और कड़ा कर दिया है। इससे तीसरे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ रहा है। चीन और उत्तर कोरिया पर आरोप है कि वह रूस को हथियार भी दे रहे हैं।
बाइडेन और नेतन्याहू की मुलाकात में क्या हुआ फैसला
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तेल अवीव में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा है कि हमास के लोगों ने नरसंहार किया है। हमास पूरे फिलिस्तीन का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। बाइडेन ने कहा कि वे गाजा के अस्पताल पर हुए हमले से दुखी हैं। मगर लगता है कि ये हमला इजराल ने नहीं किया है, बल्कि इसे हमास आतंकियों ने ही अंजाम दिया है। बाइडेन ने कहा कि ‘हम ये समझते हैं कि इजराइल के लिए यह लड़ाई आसान नहीं है। संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेतन्याहू ने कहा कि ‘अमेरिका के सहयोग के लिए धन्यवाद। ये मानव सभ्यता और आतंकवाद के बीच लड़ाई है।’ बाइडेन ने हमास के खात्म के लिए इजरायल को हर तरह के हथियार और अन्य मदद का भरोसा दिया है। हालांकि उन्होंने कहा कि वह युद्ध खत्म कराने का प्रयास करेंगे।
(एपी)
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