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हाइलाइट्स
पलाश के फूल में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो ऑक्सीडेटिव डिफेंस मैकेनिज्म को मजबूत करता है.
पलाश के फूल, पत्तियां और छाल का इस्तेमाल दवाइयों के रूप में किया जाता है.
Flame of the Forest Reduces Blood Sugar: प्रकृति में ऐसे कितने ही पेड़-पौधे हैं जिनमें हजारों तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं. आयुर्वेद में सदियों से इन पौधों के गुणों के बारे में पता है. अब विज्ञान भी इनमें से अधिकांश दावों को प्रमाणित करने लगा है. पलाश का फूल जिसे फ्लेम ऑफ फॉरेस्ट कहा जाता है, इन्हीं औषधीय पौधों में से एक है. पलाश के फूल देखने में सुर्ख और सुनहरा होता है. पलाश के पौधे से कई तरह की बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है. सबसे अधिक इसका फायदा डायबिटीज में होता है. आइए जानते हैं कि पलाश के पौधे से किन-किन बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है.
पलाश के फायदे
1. इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाता है-साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के मुताबिक पलाश के फूल में एलकेलोएड्स, फ्लेवेनोएड्स, फुरानोफ्लेवेनोएस, क्रोमेनोफ्लेवोनेस जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो ऑक्सीडेटिव डिफेंस मैकेनिज्म को मजबूत करता है. इससे पैंक्रियाज का बीटा सेल्स कुदरती रूप से सक्रिय होता है और इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है. इंसुलिन ही ब्लड शुगर को अवशोषित कर उसे एनर्जी में बदल देता है.
2. पेशाब से संबंधित बीमारियों-पलाश की पत्तियां से प्राप्त कंपाउड में यूरेनरी डिजीज को कम करने की क्षमता होती है. पलाश के सेवन से मूत्राशय में सूजन नहीं होगा. पलाश की पत्तियों के सेवन से पेशाब में इंफेक्शन का खतरा कम हो सकता है जिससे पेशाब से संबंधित बीमारियों का रिस्क बहुत कम हो जाता है.
3. खून साफ करता-पलाश के फूलों से खून को साफ किया जा सकता है. खून साफ होने से स्किन संबंधित समस्याओं का अंत हो सकता है. पलाश के फूल का लेप कील-मुंहासे, रैशेज, एलर्जी, चकत्ते जैसी समस्याओं का अंत करता है.
4. कीड़े-मकोड़े को मारने में-पलाश के फूल और पत्तियों में पेट में मौजूद कीड़े-मकौड़े को मारने की क्षमता होती है. आयुर्वेद में इसका चूर्ण बनाकर दिया जाता है जिससे बच्चों में कीड़े-मकोड़े को मारा जाता है. इसमें एंटी-वर्म गुण होता है.
5. यौन क्षमता बढ़ाने में-आयुर्वेद में पलाश के फूल का पाउडर बनाकर यौन क्षमता बढ़ाने में इस्तेमाल किया जाता है. पलाश में वज्जिकरण और काक्ष्य गुण होता है. पलाश के फूल का चूर्ण बनाकर दूध में मिश्री के साथ इसे रात में पीया जाता है.
इस्तेमाल का तरीका
पलाश के फूल, पत्तियां और छाल का इस्तेमाल दवाइयों के रूप में किया जाता है. स्किन पर इसकी पत्तियों का लेप लगाया जाता है. जबकि छाल और फूल का चूर्ण बनाया जाता है. इसकी पत्तियों और फूल का काढ़ा भी बनाया जाता है. डॉक्टर इसके इस्तेमाल का सही तरीका बता सकता है.
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Tags: Diabetes, Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : November 10, 2023, 06:41 IST
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