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अमेरिका और चीन की कट्टर दुश्मनी से वैसे तो पूरी दुनिया वाकिफ है। अक्सर चीन और अमेरिका विभिन्न मुद्दों को लेकर आपस में उलझते रहते हैं। इन दोनों देशों के रिश्ते हमेशा कड़वाहटपूर्ण रहे हैं। मगर अब अपने कार्यकाल के आखिरी दौर में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने वाले हैं। इन दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता का एजेंडा भी तय हो गया है। जानकार के अनुसार बाइडन और शी जिनपिंग सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के इतर बुधवार को मुलाकात करेंगे।
अमेरिका की वित्त मंत्री जैनेट येलेन ने कहा कि उन्होंने और उनके चीनी समकक्ष ने दो दिवसीय वार्ता के दौरान ‘‘स्वस्थ आर्थिक संबंधों’’ की दिशा में काम करने पर सहमति जताई और इस बातचीत ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच उपयोगी बैठक का जमीनी आधार तैयार करने में मदद की। येलेन ने कहा कि दोनों देशों के बीच कई मामलों पर अहसमति है, लेकिन उन्होंने और चीन के उप प्रधानमंत्री ही लिफेंग ने ऋण मुद्दों से लेकर जलवायु परिवर्तन से संबंधित आर्थिक मुद्दों तक, वैश्विक चुनौतियों पर मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। येलेन ने कहा कि दोनों देश ‘‘स्वस्थ आर्थिक संबंध के उस उद्देश्य का स्वागत करते हैं, जो दोनों देशों में कंपनियों और श्रमिकों के लिए समान अवसर प्रदान करता है और उनके लोगों को लाभ पहुंचाता है।
अमेरिका और चीन में क्या हो पाएगी दोस्ती
अब सवाल ये है कि जो बाइडेन और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद क्या दोनों देशों में दोस्ती संभव है। शायद नहीं, क्योंकि दोनों ही देश बेहद महत्वाकांक्षी और ताकतवर हैं। कोई किसी के सामने झुकना नहीं चाहता। अब चीन अमेरिका को पीछे छोड़कर दुनिया का सुप्रीम पॉवर बनना चाहता है। बाइडेन और जिनपिंग की मुलाकात तय करने वाली ’’ येलेन ने जुलाई में वित्त मंत्री के रूप में चीन की अपनी पहली यात्रा की थी और अब उनकी अगले साल फिर से चीन की यात्रा करने की योजना है। बाइडन और शी सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के इतर बुधवार को मुलाकात करेंगे। यह दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं के बीच इस साल पहली मुलाकात होगी। दोनों देशों के वित्त प्रमुखों ने इस सप्ताह सैन फ्रांसिस्को में कई आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों पर प्रगति करने के उद्देश्य से ऐसे समय में बातचीत की, जब उनके बीच प्रतिस्पर्धा काफी तेज हो गई है। वित्त मंत्रालय ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि दोनों पक्ष आर्थिक मुद्दों पर संवाद बढ़ाने पर सहमत हुए और आर्थिक संबंधों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।(एपी)
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