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Sehat Ki Baat: तमाम कोशिशों के बावजूद एक अदद बच्चे की ख्वाहिश अभी तक पूरी नहीं हो पाई. इस अधूरी ख्वाहिश के लिए वजह यदि आप अपने पार्टनर को मानते हैं तो आपकी यह बहुत बड़ी चूक हो सकती है. हो सकता है आपकी कुछ आदतें इस अधूरी ख्वाहिश की वजह हो. आंकड़े बताते हैं कि इस समय न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में करीब 15 फीसदी कपल्स इस बात से परेशान हैं कि वह पैरेंट्स नहीं बन पा रहे हैं.
आलम यह है कि इन दिनों एक बड़ी भीड़ महज एक अदद बच्चे की चाहत में हॉस्पिटल्स और आईवीएफ सेंटर के चक्कर लगा रही है, लेकिन उनकी मुराद है कि पूरा होने का नाम नहीं ले रही. यहां एक खास बात यह है कि बच्चे की चाहत रखने वाले हर कपल में पति यही सोच रहा है कि कमी उसमें नहीं, बल्कि उसकी पत्नी में है. लेकिन, अक्सर हकीकत इससे बिल्कुल उलट निकलती है.
नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी में आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. अन्विती सराफ का कहना है कि यह सोच बहुत पुरानी है कि जब भी महिला प्रेगनेंट नहीं हो पाती तो सिर्फ महिला ही जिम्मेदार होती है. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. आजकल प्रगनेंसी न होने के जिम्मेदार पति और पत्नी लगभग बराबर बराबर ही होते हैं. फिलहाल, किसी महिला के प्रेगनेंट न होने की पीछे 30 फीसदी चांस है कि किसी महिला में कोई प्रॉबलम हो, 30 प्रतिशत चांसेज हैं कि उनके पार्टनर में कोई प्राब्लम हो.
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स्पर्म का शेप बदलने से बिगड़ता है मामला
अब बतौर पति आप यह कहें कि आपके अंदर कोई कमी नहीं है. आप न केवल पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं, बल्कि उन सभी क्षमताओं से लबरेज हैं, जो एक पिता बनने के लिए होनी चाहिए. तो आपको बता दें कि यह कमियां ऐसी हैं, जिनका अंदाजा आपकी सेहत को देखकर नहीं लगाया जा सकता है. दरअसल, पुरुषों में यह पूरा खेल स्पर्म का है. पिता बनने के लिए पुरूषों में बेहतर स्पर्म काउंट के साथ स्पर्म का शेप में होना भी जरूरी है.
डॉ. अन्विती सराफ का कहना है कि पुरुषों में कई बार स्पर्म की क्वालिटी बहुत एब्नार्मल सी होती है. उनमें स्पर्म बन तो रहे हैं, लेकिन उनकी क्वालिटी और शेप बिल्कुल अच्छा नहीं है, इसके लिए बहुत सारे रिस्क फैक्टर हैं, जिनको हम खुद से कम कर सकते हैं. जैसा पहला स्मोकिंग जो बहुत ही कॉमन है. स्मोकिंग की वजह से नंबर में कुछ भी प्रॉबलम नहीं है, लेकिन स्पर्म का जो शेप है, वह कम्पीटली एब्नार्मल होता हे, जिसकी वजह से स्मर्प एग के अंदर नहीं जा पाता और एग को फर्टीलाइज नहीं कर पाता.
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शराब और सेंडेंट्री लाइफ स्टाइल बनी खुशियों की दुश्मन
यहां बात सिर्फ सिगरेट पर खत्म नहीं होती है. यदि आप शराब पीते हैं और सेडेंट्री लाइफ स्टाइल जीते हैं तब भी आपके लिए हालात कुछ बदलने वाले नहीं हैं. शराब की लत की वजह से आपका स्पर्म काउंट तो खराब होता ही है, सेडेंट्री लाइफ स्टाइल आपकी समस्या में करेले में नीम चढ़ा जैसा काम करती है. पिता बनने के सपने के बीच शराब और सेंडेंट्री लाइफ स्टाइल एक बड़े रोड़े की तरह सामने आते हैं.
डॉ. अन्विती सराफ के अनुसार, अगर वह बहुत ज्यादा डेली ड्रिंक कर रहे हें तो उससे भी स्पर्म का नंबर कम होता है. इसके अलावा, कोई बिल्कुल एक्सरसाइज नहीं कर रहा है, सेंडेंट्री सी लाइफ स्टाइल जी रहा है, बहुत सट्रेस ले रहे हैं और नींद अच्छे से नहीं ले रहे हैं, देर रात तक जग कर लैपटॉप या मोबाइल पर लगे हैं, इन सब की वजह से भी स्पर्म का नंबर इफेक्ट हो सकता है. लाइफ स्टाइल खराब होने की वजह से आपको डायबिटीज हो सकती है. डायबिटीज की वजह से भी स्पर्म का शेप खराब होता है.
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Tags: Health News, Health tips, Sehat ki baat
FIRST PUBLISHED : June 30, 2023, 14:49 IST
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