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हाइलाइट्स
ऑल सेंट कैथेड्रल चर्च गोथिक वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है.
सेंट फिलोमेना चर्च को 200 वर्ष पूर्व निओ-गोथिक शैली में बनाया गया था.
Good Friday 2023: अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए भारत को पूरी दुनिया में जाना जाता है. एक ओर देश के अलग-अलग शहरों में जहां खूबसूरत ऐतिहासिक इमारतें देश की शान बढ़ा रही हैं. तो वहीं धर्म स्थलों में शामिल मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे भी काफी फेमस हैं. 7 अप्रैल यानी आज भारत सहित पूरी दुनिया में गुड फ्राइडे मनाया जा रहा है. इस अवसर पर सभी चर्च में प्रार्थना सभाएं आयोजित होती हैं. आप इस खास अवसर पर, इन चर्च में होने वाली प्रेयर में शामिल हो सकते हैं. गुड फ्राइडे के अवसर पर आपको बताते हैं देश के कुछ फेमस गिरिजाघरों (Famous Church) के बारे में.
सेंट फ्रांसिस चर्च, कोच्चि
सेंट फ्रांसिस चर्च इंडिया का पहला यूरोपियन चर्च है, जो कोच्चि में स्थापित है. जानकारी के अनुसार प्रसिद्ध पुर्तगाली नाविक वास्को डी गामा को इसी चर्च में दफन किया गया था. चर्च का इतिहास 1503 का है जो पहले लकड़ी और मिट्टी से बना था और किले के बीच में स्थित था. लेकिन 1516 में चर्च का पुनर्निर्माण किया गया और इसे पुर्तगाल के संरक्षक संत सैंटो एंटोनियो को समर्पित किया गया. तब से इस चर्च का नाम सैंटो एंटोनियो चर्च रखा गया.
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सेंट फिलोमेना चर्च, मैसूर
सेंट फिलोमेना चर्च कर्णाटक के मैसूर में स्थापित है. करीब 200 वर्ष पूर्व इस चर्च को निओ-गोथिक शैली में बनाया गया था. वर्तमान में लोग इस चर्च को सेंट जोसेफ चर्च के नाम से जानते हैं. ये चर्च भारत के सबसे बड़े चर्च में से एक है और इसकी मीनारें 175 फीट ऊंची हैं जो काफी दूर से दिखाई दे जाती हैं. सेंट फिलोमेना चर्च की दीवारों पर ईसा मसीह के जन्म से लेकर उनके पुनर्जन्म तक की घटनाओं को दर्शाती कई ग्लास पेंटिग्स भी लगी हुई हैं.
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ऑल सेंट कैथेड्रल चर्च, इलाहाबाद
ऑल सेंट कैथेड्रल चर्च का निर्माण19वीं शताब्दी में हुआ था. ये चर्च गोथिक वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है. ये चर्च काफी बड़ा है जिसकी लंबाई 240 फिट व चौड़ाई 56 फिट है. इसका प्रार्थना हॉल 40 फिट चौड़ा और 130 फिट लंबा है. जिसमें लगभग 300 से 400 लोग एक साथ प्रेयर कर सकते हैं. इस चर्च में तीन टावर हैं और इसका एक टावर तत्कालीन इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया को समर्पित है.
परुमला चर्च, केरला
केरला में स्थित परुमला चर्च संत ग्रेगरीय गिवरनेस को समर्पित है, जिनको ग्रिगोरिएस जीर्वाघीस के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि इसी चर्च में उनको दफनाया गया था. ये चर्च केरल के मनार में है जो काफी बड़े क्षेत्र में स्थित है. जिसमें एक समय पर तकरीबन दो हजार से ज्यादा लोग एक साथ प्रार्थना कर सकते हैं. कहा जाता है कि मल्लंकरा रूढ़िवादी सीरियन चर्च का ये एक पारिश चर्च है. वर्ष 1947 में ग्रिगोरियस को कैथोलिकोस आफ द चर्च ने संत की उपाधि से नवाजा था.
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Tags: Lifestyle, Travel
FIRST PUBLISHED : April 07, 2023, 07:10 IST
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