[ad_1]
एससीओ शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ
SCO Summit:शंघाई शिखर सहयोग सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ही तीर से चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के चारों खाने चित्त कर दिए। आतंकवाद और संप्रभुता के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना सीधे हमला बोला है। साथ ही तालिबानियों को सीधे टारगेट करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल पड़ोसी देशों में अस्थिरता और उग्रवाद को पोषित करने के लिए नहीं हो। इसके लिए सभी एससीओ देशों को साझा कदम उठाना होगा।
आतंकवाद पर पाकिस्तान को लपेटा
पीएम मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना पड़ोसी पर जमकर हमला बोला। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए प्रमुख खतरा बना है। इस चुनौती से निपटने के लिए एससीओ देशों द्वारा निर्णायक कार्रवाई आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद किसी भी रूप में क्यों न हो, हमें इसके विरुद्ध मिलकर लड़ाई करनी है। पाकिस्तान की ओर इशारा करते पीएम मोदी ने कहा कि कुछ देश क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म को अपनी नीतियों के इंस्ट्रूमेंट (हथियार) के रूप में इस्तेमाल करते हैं, आतंकियों को पनाह देते हैं। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना में कोई संकोच नहीं करना है।
आतंकियों के समर्थन और संप्रभुता के मुद्दे पर चीन को घेरा
एससीओ के मंच पर सभी सदस्य देशों के सामने पाकिस्तान की बखिया उधेड़ने के बाद प्रधानमंत्री ने सीधे चीन को निशाने पर ले लिया। उन्होंने कहा कि ऐसे गंभीर विषय (आतंकवाद जैसे मुद्दे) पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। गौरतलब है कि हाल ही में चीन ने पाकिस्तानी आतंकियों को वैश्विक घोषित होने से बचाने के लिए दोहरा रवैया दिखाते हुए इस प्रस्ताव को रोक दिया था। इसके बाद पीएम ने चीन को नसीहत देते हुए उसका बिना नाम लिए यह भी कहा कि सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए।
पीएम मोदी का यह वक्तव्य वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन द्वारा भारतीय क्षेत्रों में अक्सर की जाने वाली अतिक्रमण की कोशिशों को लेकर था। साथ ही अपने पड़ोसी ताईवान की संप्रभुता का सम्मान करने की ओर भी इशारा दिलाना था, जिस पर चीन दल, बल से कब्जे की बात करता आ रहा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि टेरर फाइनेंसिंग से निपटने के लिए हमें आपसी सहयोग बढ़ाना चाहिए। इसमें एससीओ के सदस्य देशों का रेड मैकेनिज्म की महत्वपूर्ण भूमिका रहनी चाहिए। रेडिकलाइजेशन रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाना चाहिए।
अफगानिस्तान की धरती का न हो अस्थिरता और उग्रवाद के लिए इस्तेमाल
पीएम मोदी ने एससीओ समिट में कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति का हम सभी की सुरक्षा पर सीधा प्रभाव पड़ा है। भारत की चिंताएं और अपेक्षाएं एससीओ के अधिकांश सदस्य देशों के समान हैं। हमें अफगानिस्तान के नागरिकों के कल्याण के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। अफगान नागरिकों को मानवीय सहायता, एक समावेशी सरकार का गठन, आतंकवाद और ड्रग्स तस्करी के विरुद्ध लड़ाई, महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करना हमारी साझा प्राथमिकता। भारत-अफगानिस्तान के लोगों के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो दशक में हमने अफगानिस्तान के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 2021 के बाद भी हम मानवीय सहायता भेजते रहे हैं। यह आवश्यक है कि अफगानी भूमि पड़ोसी देश में अस्थिरता फैलाने और उग्रवाद की विचारधारा को प्रोत्साहित करने में उपयोग न की जाए। सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना बहुत आवश्यक है।
यह भी पढ़ें
चीन कर रहा अमेरिका के साथ युद्ध की गुप्त तैयारी, पर्दाफाश पर कहा-राख में मिल जाएगा यूएस
तुर्की बना स्वीडन की राह में रोड़ा, NATO की सदस्यता दिलाए जाने के खिलाफ कही ये बात
Latest World News
[ad_2]
Add Comment