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सनन्दन उपाध्याय/बलिया: एक ऐसा पौधा जिसका न केवल छाल लाभकारी है बल्कि आयुर्वेद पद्धति के हिसाब से इसका जड़, तना व फल और फूल समस्त भाग ही महत्वपूर्ण औषधि है. हम बात कर रहे हैं मौलश्री की जिसको आमतौर पर बकुल के नाम से भी जानते हैं. यह पौधा न केवल शरीर में होने वाले गंभीर बीमारियों को दूर करता है बल्कि घर में लगाने से ऑक्सीजन की आपूर्ति भी करता है. इस औषधि का वर्णन दंतधावन में भी किया गया है. इसके छाल का चूर्ण बनाकर यदि मंजन के रूप में प्रयोग किया जाए तो दातों से जुड़ी तमाम समस्याएं दूर हो जाती हैं. इसके अलावा यह औषधि तमाम गंभीर बीमारियों को जड़ से खत्म करने में कामयाब सिद्ध होती है.
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह ने कहा कि यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है. इसके अनगिनत फायदे हैं. यह दंतधावन में भी वर्णित है. यह अनेकों बीमारियों को दूर करता है. इसके विभिन्न प्रयोग है जो एक चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही करना चाहिए. पर्यावरणविद्, पूर्व प्राचार्य एवं शैक्षणिक निदेशक डॉ. गणेश कुमार पाठक बताते हैं कि इस पौधे को मैंने लगाया है. इसके जड़, तना, फल-फूल और पत्तियां समस्त भाग उपयोगी है. यह घर में लगाने से ऑक्सीजन की कमी नहीं होने देता है. इस पौधे को लगाने के लिए साफ सफाई पर ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. इस पौधे को मौलश्री या आम भाषा में बकुल के नाम से जानते हैं. यह पौधा शरीर में होने वाली तमाम गंभीर बीमारियों को जहां दूर करने का गुण रखता है तो वही शरीर में बीमारियों से लड़ने का क्षमता भी प्रदान करता है.
ऐसे करें इस महत्वपूर्ण औषधि का उपयोग
चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह बताती हैं कि यह औषधि अनेक गुणों से भरपूर है. इसके छाल के चूर्ण को मंजन के रूप में प्रयोग करने से दांतों से जुड़ी सभी बीमारियां ठीक हो जाती हैं. इसके फूलों के स्वरस का प्रयोग करने से सिर दर्द माइग्रेन की समस्या दूर होती है. इसके सूखे फूल को पानी में भिगोकर रख दें सुबह छानकर 40 से 50 ml पीने से हृदय के साथ स्वास्थ्य नाली को भी बल मिलता है. यही नहीं इसके छाल का पेस्ट बनाकर लगाने से कीड़े मकोड़े के काटने का प्रभाव जहां खत्म होता है तो वही पुराने से पुराने घांव को भरने में भी यह पेस्ट सहायक होता है. आयुर्वेद में इसके फल-फूल, फल, जड़ और तना सभी का प्रयोग वर्णित है.
बिन चिकित्सक के परामर्श न करें इसका सेवन
इसके साइड इफेक्ट भी हैं. इसके प्रयोग करने से पहले आयुर्वेद चिकित्सक का परामर्श लेना बेहद जरूरी है. गर्भवती महिला और छोटे बच्चों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए. इसका सही प्रयोग एक चिकित्सक ही निर्धारित कर सकता है. बिना चिकित्सक परामर्श इसका सेवन करना लाभकारी नहीं होता है.
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FIRST PUBLISHED : November 18, 2023, 13:18 IST
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