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सीमा कुमारी
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: जैसा कि, आप सभी जानते है कि ‘चैत्र नवरात्रि’ (Chaitra Navratri 2024) की शुरुआत के साथ ही हर हिंदू घरों में पूजा और आस्था का माहौल हो जाता है। कई घरों में आदिशक्ति मां दुर्गा की आराधना के साथ शंख भी बजाया जाता है। हममें में से शायद बहुत लोगों को न पता हो। लेकिन, आपको बता दें,शंख का जुड़ाव आस्था के अलावा सेहत और सुंदरता से भी है। अगर आप भी है, इसमें से एक तो आइए जानें इस बारे में-
सदियों से है शंख बजाने की परंपरा
ज्योतिषियों के मुताबिक, भारतीय परिवारों में और मंदिरो में सुबह और शाम शंख बजाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। जो आज भी कायम है। भारतीय संस्कृति में शंख का बड़ा महत्व है। माना जाता है कि, समुद्र मंथन से जिन अनमोल रत्नों की प्राप्ति हुई उसमें से ‘शंख’ भी एक है। अगर आप रोजाना शंख बजाते हैं तो इससे आपको काफी लाभ हो सकता है। सेहत के हिसाब से कई चमत्कारिक फायदे भी हैं।
ऐसे में आइए जानें इसके चमत्कारिक फायदे-
1- जानकारों के अनुसार, आधुनिक जीवनशैली में तनाव एक आम समस्या है। काम का बोझ, घर और परिवार की जिम्मेदारियां हमें मानसिक रूप से थका देती है। ऐसे में शंख बजाना एक अच्छा विकल्प है। शंख से निकलने वाली पवित्र ध्वनि शरीर और दिमाग को शांत करने में मदद करती है। इससे तनाव और चिंता दूर होती है और मन को शांति भी मिलती है। अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए रोजाना शंख बजाना शुरू करें।
2- शंख बजाने से चेहरे, श्वसन प्रणाली, श्रवण तंत्र तथा फेफड़ों की बहुत बढिय़ा एक्सरसाइज होती है। जिन लोगों को सांस संबधी समस्याएं है, उन्हें शंख बजाने से छुटकारा मिल सकता है। हर रोज शंख बजाने वाले लोगों को गले और फेफड़ों के रोग नहीं होते। इससे स्मरण शक्ति भी बढ़ती है
3- शंख में कैल्शियम गंधक और फास्फोरस काफी मात्रा में पाए जाते हैं। यह तत्व हड्डियों को मजबूत करने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इसलिए शंख में रखे पानी का सेवन करें। इससे दांतो को भी फायदा मिलता है।
4- शंख बजाने से चेहरे की झुर्रियों में कमी आती है। शंख की आवाज़ चेहरे की मांसपेशियों को उत्तेजित करती है जिससे रक्त संचार बेहतर होता है। नियमित रूप से शंख बजाने से चेहरे की झुर्रियां कम होती हैं और चेहरे पर निखार आता है।
5- वैज्ञानिक मानते हैं कि शंख फूंकने से उसकी ध्वनि जहां तक जाती है, वहां तक के अनेक बीमारियों के कीटाणु ध्वनि-स्पंदन से मूर्छित हो जाते हैं या नष्ट हो जाते हैं। यदि रोज शंख बजाया जाए, तो वातावरण कीटाणुओं से मुक्त हो सकता है। बर्लिन विश्वविद्यालय ने शंख ध्वनि पर अनुसंधान कर यह पाया कि इसकी तरंगें बैक्टीरिया तथा अन्य रोगाणुओं को नष्ट करने के लिए उत्तम व सस्ती औषधि हैं। रोजाना सुबह-शाम शंख बजाने से वायुमंडल कीटाणुओं से मुक्त हो जाता है। इसलिए सुबह-शाम शंख बजाने की परंपरा है।
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