[ad_1]
भारत में हर साल लाखो की संख्या में विदेशी मेहमान घूमने आते हैं लेकिन भारत भ्रमण और यहां की एतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत को देखने आने वाले सैलानी अब सिर्फ यहां घूमने ही नहीं बल्कि आयुर्वेद सहित पांच चिकित्सा पद्धतियों से इलाज कराने भी आ सकेंगे. इसके लिए मोदी सरकार उन्हें एक नए किस्म का वीजा देने जा रही है. यह वीजा अन्य प्रकार के वीजा से अलग होगा. इसके माध्यम से विदेशी नागरिक न केवल देश के किसी भी राज्य में मौजूद होम्योपैथी, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी, यूनानी चिकित्सा पद्धति या सिद्धा से जुड़े किसी संस्थान में जाकर अपना इलाज करवा सकेंगे बल्कि भारत में कुछ दिन या महीनों तक ठहरकर पंचकर्म सहित सभी वेलनेस सुविधाओं का लाभ उठाने के अलावा घूम भी सकेंगे.
हाल ही में केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने उपचार की आयुष पद्धतियों या भारतीय चिकित्सा प्रणालियों के तहत उपचार के उद्देश्य से विदेशी नागरिकों के लिए वीजा की नई केटेगरी बनाए जाने को अधिसूचित किया है. विदेशियों को देसी इलाज के लिए वीजा की नई केटेगरी आयुष वीजा शुरू की जा रही है. इसके तहत ये लोग भारत में मौजूद आयुष प्रणालियों या चिकित्सीय देखभाल, कल्याण और योग जैसी चिकित्सा की प्राचीन भारतीय प्रणालियों के तहत इलाज करवा सकेंगे.
ये भी पढ़ें- ये हैं भारत के टॉप-5 आंखों के अस्पताल, जहां फ्री या बेहद कम कीमत पर होता है इलाज
सरकार ने चैप्टर11- मेडिकल वीजा ऑफ द वीजा मैनुअल के बाद एक नया चैप्टर यानी चैप्टर 11ए- आयुष वीजा शामिल किया है जो भारतीय में मौजूद इलाज की प्राचीन पद्धतियों से होने वाले इलाज से संबंधित है. इसी को लेकर वीजा मैनुअल, 2019 के विभिन्न चैप्टर में जरूरी संशोधन किए गए हैं.
केंद्रीय आयुष और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि विदेशी नागरिकों के लिए आयुष (एवाई) वीजा की नई श्रेणी का बनना एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे भारत में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा मिलेगा साथ ही भारतीय पारंपरिक चिकित्सा को वैश्विक स्तर पर ले जाने के विजन को पूरा करने के प्रयास को मजबूती मिलेगी.
बता दें कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अप्रैल 2022 में गांधीनगर, गुजरात में वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन (जीएआईआईएस) में आयुष चिकित्सा की तलाश में रहने वाले विदेशी नागरिकों को भारत की यात्रा सुविधाजनक बनाने के लिए एक विशेष आयुष वीजा श्रेणी बनाने की घोषणा की थी.
आयुष वीजा सरकार की हील इन इंडिया पहल के लिए भारत के रोडमैप का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत को एक चिकित्सा के लिहाज से आकर्षक यात्रा गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है. आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत को दुनिया के मेडिकल पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने के लिए वन स्टॉप हील इन इंडिया पोर्टल विकसित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.
हाल के वर्षों में भारत में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल में खासी बढ़ोतरी देखने को मिली है. ग्लोबल वेलनेस इंस्टीट्यूट (जीडब्ल्यूआई) द ग्लोबल वेलनेस इकोनॉमीः लुकिंग बियॉन्ड कोविड रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल वेलनेस यानी वैश्विक कल्याण से संबंधित अर्थव्यवस्था सालाना 9.9 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. आयुष आधारित स्वास्थ्य देखभाल और कल्याण अर्थव्यवस्था के वर्ष 2025 तक बढ़कर 70 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है.
आयुष मंत्रालय राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर उपचार की आयुष प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए कई मोर्चों पर काम कर रहा है. हाल ही में, आयुर्वेद और चिकित्सा की अन्य पारंपरिक प्रणालियों में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मिलकर काम करने के लिए भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी), पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए.
ये भी पढ़ें- न कैश न कार्ड अब दिल्ली मेट्रो में फोन से खरीदें टोकन, स्मार्ट कार्ड कराएं रीचार्ज, शुरू हुई यूपीआई पेमेंट की सुविधा
.
Tags: Ayushman Bharat Cards, Ayushman Bharat scheme, Visa
FIRST PUBLISHED : August 03, 2023, 15:25 IST
[ad_2]
Add Comment