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कैलाश कुमार/बोकारो. तुलसी भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा में एक अद्वितीय स्थान रखती है इसे हिंदू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है और हर घर में इसकी पूजा जाती है. वहीं आयुर्वेद में तुलसी का महत्वपूर्ण स्थान है. भारत में चार प्रकार के तुलसी पाए जाते हैं जिसमें राम तुलसी ,कृष्ण तुलसी, वन तुलसी और कपूर तुलसी शामिल है. एसे में बोकारो के वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक राजेश पाठक ने तुलसी के चमत्कारी गुना के बारे में बताया है.
इन बीमारियों के लिए है रामबाण इलाज:-
सर दर्द को कम करने मे सहायक : तुलसी के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट गुणो से भरपूर होते हैं जो सर दर्द को कम करने में मदद करता है. इसके लिए तुलसी के पत्तों को ले कर उन्हें पीस कर रस निकाल और फिर इसे माथे पर लगाएं तो माइग्रेन के दर्द को कम कर करने मे मदद मिलती है और सर दर्द से राहत मिलता है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर : तुलसी का उपयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सबसे अधिक कारगर है. तुलसी के अंदर एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं जो विभिन्न संक्रमणों से लड़ने में सहायक हो होता है .रोजाना तुलसी के पत्तों से काढा बनाकर पीने से इम्यून सिस्टम सुरक्षित और मजबूत बनाता है इसके लिए रोजाना आधे गिलास गर्म पानी में 3 से 4 तुलसी पत्ते के मिलाकर पीने से शरीर स्वस्थ रहता है.
किडनी पथरी के समस्या में सहायक : तुलसी के नियमित उपयोग से किडनी में स्टोन के समस्या के उपचार में मदद मिलती है. तुलसी में मौजूद उपयोगी गुण किडनी को स्वस्थ रखने में मदद कर करते हैं. इसके लिए रोजाना एक गिलास गर्म पानी में तीन तुलसी के पत्ते को उबालकर एक चम्मच शहद के मिलाकर पीने से किडनी स्टोन कि समस्या दूर करने में मदद मिलती है.
खून साफ करने में सहायक: तुलसी के पौधे में रक्त को शुद्ध करने के गुण होते हैं. तुलसी के पत्तों में विशेष यौगिक तुलसीन होता है, जो खून की को साफ करने में मदद करता है. यह इससे मुहासा की समस्या दूर होती है और रोजाना आधे गिलास गर्म पानी में चार तुलसी पत्ते मिलाकर पीने से रक्त से संबंधित समस्या दूर होती है.
सर्दी और खासी में कारगर: तुलसी मौसमी सर्दी खांसी के लिए रामबाण इलाज के रूप में जानी जाती है तुलसी के अंदर मौजूद ,एंटीवायरल, और एंटीऑक्सीडेंट गुण इन्फेक्शन को कम करने मदद करते हैं . जिस वजह से सर्दी और खांसी में राहत मिलतीहैं. इसके लिए तुलसी के पत्तियों को पानी में डालकर भाप लेना पड़ेगा है. वहीं खांसी से राहत पाने के लिए तुलसी के पत्तियों से रस निकाल कर आधा चम्मच हल्दी के साथ गर्म दूध में मिलाकर पीना से गले की सूजन को कम करने में मदद मिलती है और खांसी से आराम मिलता है.
ध्यान दें : यह सारे उपचार वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सा के सलाह पर तैयार किए गए हैं किसी भी उपचार के सेवन से पहले अपने चिकित्सक की राय जरुर ले
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Tags: Bokaro news, Health News, Jharkhand news, Local18
FIRST PUBLISHED : January 16, 2024, 11:31 IST
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