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सोनिया मिश्रा/ चमोली. आयुर्वेद में शहद को सेहत का खजाना माना जाता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है. शहद में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन ए, बी, सी, ज़िंक, कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम और सोडियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होते हैं. जिसके कारण यह चेहरे पर निखार लाने, मोटापा घटाने, खांसी, कफ जैसी कई दिक्कतों को दूर करने में मदद करता है.
सदियों से लोग कई तरीके की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए घरेलू उपचार के तौर पर शहद का प्रयोग करते आ रहे हैं. लोकल 18 की टीम ने डॉक्टर्स से शहद खाने के फायदे और नुकसान के बाबत बातचीत की .
वजन घटाने के साथ चेहरे में चमक में सहायक!
आयुर्वेदिक डॉक्टर वारालक्ष्मी बताती हैं कि शहद को संस्कृत में मधु कहा जाता है. जो कफ के असंतुलन को ठीक करने में सहायक होता है. इतना ही नहीं शहद अपने आप में हेल्दी फूड है जिसे सभी को आपकी डाइट में शामिल करना चाहिए. शहद मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है, जिससे वजन कम करने में भी यह सहायक होता है. यह भूख को भी कंट्रोल करता है. इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट गुण भरपूर मात्रा में होने के कारण यह प्राकृतिक मॉइस्चराइजर के रूप में काम करता है .
पाचन संबंधी बीमारियों के लिए है रामबाण
डॉक्टर वारालक्ष्मी बताती हैं कि शहद में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने में मदद करता है. साथ ही जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्या है उनके लिए शहद रामबाण है क्योंकि पाचन को ठीक रखने के लिए सुबह गर्म पानी में नींबू का रस और शहद मिलाकर पीने से काफी फायदा मिलता है.
अच्छी नींद के लिए ऐसे करें सेवन
एंटीऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुणों के कारण शहद इन्यूम सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है, शहद के प्रयोग से कई तरह की बीमारियों के संक्रमण से बचा जा सकता हैं, इसके अलावा अच्छी नींद के लिए भी शहद का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए एक ग्लास में गर्म दूध के साथ एक चम्मच शहद मिलाने के बाद पीना चाहिए.
नवजात शिशु के लिए है शहद जानलेवा!
डॉक्टर वारालक्ष्मी बताती हैं कि नवजात शिशु के लिए शहद की पहली खुराक जानलेवा साबित हो सकता है. इसलिए नवजात शिशु को शहद नहीं देना चाहिए. उन्हे केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए. आपको यह बात जानकर हैरानी हो सकती है कि शहद के पौष्टिक गुणों के बावजूद, 12 महीने से कम उम्र के बच्चों को शहद नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि शहद में मौजूद हानिकारक जीवाणुओं के कारण शिशु को ‘बोटुलिज़्म’ नामक पाचन संक्रमण हो सकता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई हेल्थ बेनिफिट रेसिपी की सलाह, हमारे एक्सपर्ट्स से की गई चर्चा के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, न कि व्यक्तिगत सलाह. हर व्यक्ति की आवश्यकताएं अलग हैं, इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही, कोई चीज उपयोग करें. कृपया ध्यान दें, Local-18 की टीम किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी.
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Tags: Chamoli News, Health News, Life18, Local18, Uttarakhand news
FIRST PUBLISHED : December 16, 2023, 20:31 IST
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