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नीरज कुमार/बेगूसराय: बेगूसराय शहर ने देश के टॉप प्रदूषित शहरों की लिस्ट में अपनी जगह बना ली है. सरकार की ओर से वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए किसी भी प्रकार का प्रयास नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण वायु प्रदूषण की वजह से हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं. बिहार के बेगूसराय से सामने आ रही रिपोर्ट के मुताबिक, हार्ट अटैक मौत का कारण बन हीं रहा है, और इसकी मुख्य वजह बढ़ते प्रदूषण में बताया जा रहा है. बेगूसराय में बढ़ते प्रदूषण के कारण हवा में हानिकारक गैस और कण भर गए हैं, जो सांस लेने के दौरान हार्ट प्रवेश कर जाता है.
प्रदूषण के कारण जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और सदर अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों में भी हृदय रोग से संबंधित मरीजों की संख्या में काफ़ी तेज़ी से इजाफा हो रहा है. बेगूसराय के चिकित्सकों के मुताबिक, वायु प्रदूषण दिल का दौरा, स्ट्रोक, और इर्रेगुलर हार्ट रिथम को ट्रिगर कर सकता है. आइए जानते हैं कैसे वायु प्रदूषण हार्ट अटैक की वजह बनता जा रहा है और कैसे इससे बचा जा सकता है.
तेजी से बढ़ने लगे है हार्ट अटैक के मामले
बेगूसराय आईएमए के सचिव डॉ. रंजन चौधरी और ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज कुमार सिंह ने बताया कि जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों के ओपीडी में मरीजों की संख्या में काफ़ी तेज़ी से इजाफा हो रहा है. मरीज के सीने में दर्द, पसीना चलना, दोनों बाहों में दर्द, गले में दर्द के लक्षण और पीठ दर्द की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं. यह लक्षण हार्ट अटैक होने के शुरुआती लक्षण है. इसकी वजह वायु प्रदूषण बताया जा रहा है. इन दिनों हार्ट फेलियर के मामलों में वायु प्रदूषण दिल की खून को पंप करने की क्षमता को और कम कर देता है. इन प्रभावों को ट्रिगर करने के लिए प्रदूषित हवा के छोटे धूल कण बड़ी चिंता का विषय है, जो साफ दिखने वाली हवा में धुंध, धुएं और धूल के रूप में पाया जाता है. चिकित्सकों के मुताबिक हार्ट अटैक से मौत के भी मामले पिछले 3 महीनों में काफी तेजी से बढ़ा है. ऐसे में जल्द हीं इस पर ठोस पहल नहीं की गई तो मौत का ग्राफ और तेजी से बढ़ना शुरू हो जाएगा.
बेगूसराय में रहना है तो मास्क लगाकर रहना होगा
चिकित्सकों के मुताबिक, बेगूसराय में रहते हुए मास्क का अधिक से अधिक उपयोग करना आवश्यक है. यदि सीने में दर्द, पसीना, दोनों बाहों में दर्द, गले में दर्द, या पीठ में दर्द होता है, तो व्यक्ति को तत्काल अपने निकटतम अस्पताल में जाकर ईसीजी करानी चाहिए, ताकि जीवन बचा जा सके. प्रदूषण से बचाव के लिए, मास्क लगाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है. हालांकि AQI 400 के आस-पास पहुंचने के बावजूद, वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं और प्रशासन द्वारा कोई स्थिति नहीं ली गई है. इसके बावजूद, अब देखना होगा कि लोग कैसे जीवन बचाने के लिए क़दम उठाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 19, 2023, 15:42 IST
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