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अभिनव कुमार/दरभंगा:- मिथिला और उसके आस-पास के जिले में हार्ट के मरीजों के लिए अच्छी खबर है. अब हार्ट की बीमारी के इलाज के लिए पटना या दिल्ली का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, बल्कि दरभंगा में ही मरीज का इलाज हो जाएगा. दरअसल दरभंगा में भी हार्ट की बीमारी का बेहतर इलाज शुरू हो चुका है.शहर के प्रख्यात डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.ज्योति प्रकाश कर्ण बताते हैं कि पहले हार्ट का ऑपरेशन सर्जरी के माध्यम से किया जाता था. लेकिन अब इस बीमारी के लिए कई सारे उपकरण आ गए हैं. हार्ट से सम्बंधित बीमारी के क्षेत्र में मेडिकल साइंस भी इतनी ज्यादा उन्नत कर चुका है कि अब बिना चीर फाड के बेहद कम कीमत में इस बीमारी से छूटकारा पाया जा सकता है.
अब बिना चीड़ फाड़ के होता है इलाज
इस पर विशेष जानकारी देते हुए शहर के प्रख्यात डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर ज्योति प्रकाश कर्ण बताते हैं कि हार्ट अटैक किसी को भी हो सकता है.आज-कल पूरे भारत और विश्व में सबसे ज्यादा मौत होने का कारण हार्ट अटैक ही है. हार्ट की बीमारी के लिए अब काफी अनुसंधान हो रहा है. अगर समय रहते मरीज डॉक्टर के पास पहुंच जाए, तो उसकी जान बचाई जा सकती है. पहले कैथ लैब बड़े-बड़े शहरों में हुआ करता था. इस लैब में कई विशेषज्ञों की एक टीम होती है, जिसकी मॉनिटरिंग एक हार्ट स्पेशलिस्ट करते हैं. अब छोटे-छोटे शहरों जैसे दरभंगा में भी दो से तीन कैथ लैब खुल गए हैं. बिना सर्जरी के हार्ट का इलाज करने की दिशा में लगातार नई-नई खोज की जा रही है.
12 लाख में होता है आधुनिक तरीके से इलाज
डॉ. कर्ण आगे कहते हैं किस्टैंड या पेसमेकर लगाना हो, बिना चीर फाड़ के भल्व लगाना हो, हार्ट का छेद बंद करना हो या हार्ट से संबंधित कोई भी बीमारी हो, बिना चीर फाड़ के इसका इलाज किया जा सकता है. सीआरटी हार्ट फंक्शन कम होने पर किया जाता है, जिसका इलाज दिल्ली या पटना में 6 से 7 लाख रुपये किया जा सकता है. PAVI की प्रक्रिया में वाल्व लगाया जाता है. बिना चीर फाड़ के पहले इसका चार्ज 25 लाख रुपया था, लेकिन अब 12 लाख में ही इसका इलाज हो जाता है. बिना चीर फाड़ वाली सर्जरी में बेहोशी की जरूरत नहीं पड़ती है, जिससे मरीज काफी तेजी से पहले जैसा स्वस्थ हो जाता है.
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Tags: Bihar News, Darbhanga news, Heart attack, Local18
FIRST PUBLISHED : January 7, 2024, 17:36 IST
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