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इसकी जड़ मिट्टी में काफी अंदर तक चली जाती हैं. इसकी जड़े स्वस्थ मानव जीवन के लिए बड़ा ही महत्वपूर्ण होती है. इस औषधि का प्रयोग बीपी को सही रखने के लिए भी किया जाता है. इसके चूर्ण प्रयोग मानसिक विकार, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, मिर्गी, पेट में दर्द, कब्ज, पुरानी से पुरानी सांस की बीमारी और बुखार जैसी तमाम बीमारियों में बेहद लाभकारी होती है.
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