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राजकुमार सिंह/वैशाली. हाजीपुर का नाम आते ही चिनिया केले की बात होना स्वभाविक एक स्वाभाविक बात है. हाजीपुर में चिनिया केले की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, और कुछ सालों से केले के दाम में वृद्धि नहीं हुई है. इसके चलते किसानों को कुछ परेशानियां हो सकती हैं, लेकिन वे फिर भी अन्य फसलों के मुकाबले केले की खेती को बेहतर मान रहे हैं.
हाजीपुर के इस्माइलपुर गांव के निवासी गुड्डू कुमार ने दो एकड़ में चिनिया केला लगाया है और वह बता रहे हैं कि चीनिया केले की बिक्री हमेशा होती है, खासकर बिहार में छठ महापर्व के समय, इसकी मांग अधिक होती है. वे आसानी से एक घवद केला 400 रुपए में बेच लेते हैं.
गुणों से भरपूर है यह केला
केला अनुसंधान केंद्र प्रभारी एसके ठाकुर ने बताया कि चिनिया केला सुगंधित होने के साथ-साथ खट्टा-मीठा स्वाद होता है और इससे आटा और चिप्स भी बनाए जाते हैं. इसकी बाजार में काफी मांग है, और यह फल आयरन से भरपूर है और आसानी से पचता है. इसके नियमित सेवन से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है. इसके अलावा, यह गठिया, उच्च रक्तचाप, अल्सर, और किडनी संबंधित रोगों से बचाव में भी सहायक हो सकता है. श्री ठाकुर ने बताया कि यह फल आंखों की रोशनी और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन और मिनरल होते हैं. इसलिए, इस केले को खाने में कोई दिक्कत नहीं होती है.
चिनिया केला की करते हैं खेती
गुड्डू कुमार बताते हैं कि इंटर की पढ़ाई करने के बाद उन्हें अपने पूर्वजों के द्वारा की जा रही खेती को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी मिली. लेकिन, पूर्वज बरसायन नस्ल के केला की खेती करते थे, जिसमें मुनाफा कम था. इसके बाद हमने बगवानी मिशन की मदद से चिनिया केला लगाया, और इस केले की खेती से मुनाफा अच्छा हो जाता है. वे बताते हैं कि इस केले की मार्केट में अधिक डिमांड है, और केले की खेती को विधवत करने के बावजूद, इससे फायदा ज्यादा होता है.
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Tags: Bihar News, Chhath Puja, Health, Latest hindi news, Local18, Vaishali news
FIRST PUBLISHED : November 7, 2023, 13:17 IST
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