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हाइलाइट्स
आई फ्लू के दौरान कॉन्टेक्ट लेंस लगाने से आंखों को नुकसान हो सकता है.
स्टेरॉयड ड्रॉप्स डालने से आंखों की रोशनी जाने का खतरा पैदा हो सकता है.
What Should You Avoid With Eye Flu: आई फ्लू का कहर पिछले कई सप्ताह से लगातार जारी है. हर उम्र के लोग आंखों के इस इंफेक्शन का शिकार हो रहे हैं. आंखों का यह इंफेक्शन वायरल कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) है, जिसकी वजह से आंखें लाल हो जाती है और सूजन आ जाती है. आंखों से फ्लूड निकलने लगता है और इरिटेशन की समस्या पैदा हो जाती है. यह इंफेक्शन आमतौर पर 5-7 दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है और आंखों के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं होता है. कंजक्टिवाइटिस से आंखें कमजोर होने या अंधेपन का कोई खतरा नहीं होता है. हालांकि आई फ्लू के दौरान गलत आई ड्रॉप्स और गलत दवाएं इस्तेमाल करने से आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है. ऐसा करने से आपकी आंखें खराब हो सकती हैं और आंखों की रोशनी जा सकती है. आई फ्लू को लेकर ये गलतियां करने से सभी को बचना चाहिए, वरना इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
नई दिल्ली के सिरी फोर्ट स्थित विजन आई सेंटर के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. तुषार ग्रोवर कहते हैं कि वायरल कंजक्टिवाइटिस की परेशानी करीब एक सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाती है. आई फ्लू होने पर आर्टिफिशियल टीयर ड्रॉप इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है. आई फ्लू से आंखों को कोई गंभीर नुकसान नहीं होता है, लेकिन आजकल आई फ्लू को जल्दी ठीक करने में लोग कई गलतियां कर रहे हैं, जो उनकी आंखों के लिए खतरनाक हो सकती हैं. सोशल मीडिया पर वायरल कई वीडियोज में आई फ्लू को ठीक करने के आई ड्रॉप्स और घरेलू नुस्खे बताए जा रहे हैं, जिन्हें अपनाने से आंखें डैमेज हो सकती हैं. लोगों को आई फ्लू का इलाज आंखों के डॉक्टर से ही कराना चाहिए. खुद कोई भी ड्रॉप, दवा या घरेलू नुस्खा नहीं अपनाना चाहिए. इससे आंखों को नुकसान पहुंच सकता है.
आई फ्लू के मरीज न करें ये 5 गलतियां
– डॉ. तुषार ग्रोवर के अनुसार आई फ्लू को ठीक करने के लिए डॉक्टर की सलाह के बिना स्टेरॉयड ड्रॉप्स कभी इस्तेमाल नहीं करने चाहिए. लंबे समय तक स्टेरॉयड ड्राप्स यूज करने से आंखों का प्रेशर बढ़ सकता है और उससे नर्व डैमेज हो सकती है. ऐसी कंडीशन में आंखों की रोशनी जा सकती है. आई फ्लू के महज कुछ मामलों में ही डॉक्टर स्टेरॉयड ड्रॉप्स यूज करने की सलाह देते हैं. इन ड्रॉप्स को बेहद सावधानी से यूज करने की जरूरत होती है.
– आई फ्लू के मरीजों को कॉन्टेक्ट लेंस बिल्कुल नहीं लगाने चाहिए. इससे आंख का इंफेक्शन ज्यादा फैल सकता है, जो आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. आई फ्लू के दौरान कॉन्टेक्ट लेंस लगाने से आंखों की परेशानियां बढ़ सकती हैं. इससे सेकंडरी इंफेक्शन होने का रिस्क बढ़ जाता है, जो आंखों की रोशनी जाने का खतरा पैदा कर सकता है.
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– एंटीवायरल या एंटीबायोटिक दवाइयों का आई फ्लू पर कोई असर नहीं होता है. एंटीवायरल ऑइंटमेंट आंखों में डालने से भी आई फ्लू का इंफेक्शन ठीक नहीं हो सकता है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इन दवाओं का सेवन कर रहा है, तो उससे आंखों के साथ ओवरऑल हेल्थ को नुकसान पहुंच सकता है. आई फ्लू वायरल इंफेक्शन है, जो सेल्फ लिमिटिंग होता है और कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है.
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– एंटीबायोटिक ड्रॉप्स डालने से आई फ्लू से कोई राहत नहीं मिलती है. कई बार डॉक्टर आई फ्लू के मरीजों की कंडीशन देखकर एंटीबायोटिक ड्रॉप डालने की सलाह देते हैं, लेकिन यह आई फ्लू को खत्म करने के लिए नहीं दिया जाता है. यह इसलिए दिया जाता है कि आंख में आई फ्लू के अलावा कोई सेकंडरी इंफेक्शन न हो. एंटीबायोटिक ड्रॉप्स डालने से आंखों को कोई गंभीर नुकसान नहीं होता, लेकिन बैक्टीरियल रजिस्टेंस पैदा हो सकता है.
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– सोशल मीडिया पर आई फ्लू को ठीक करने के लिए चूना, नमक समेत कई चीजें पानी में मिलाकर आंखें धोने के वीडियो वायरल हो रहे हैं. इन वीडियोज को देखकर कभी भी उन नुस्खों को आजमाना नहीं चाहिए. चूना और अन्य केमिकल्स आंखों के लिए बेहद खतरनाक होते हैं. इनका इस्तेमाल करने से आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है और गंभीर आई इंजरी हो सकती है. ऐसे में याद रखें कि इंटरनेट पर दिए गए किसी भी इलाज को न आजमाएं.
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Tags: Eyes, Flu, Health, Lifestyle, Trending news
FIRST PUBLISHED : August 10, 2023, 11:13 IST
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