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नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मैहर (Maihar) में इन दिनों एक बीमारी का संक्रमण का कहर बरपा है जिसका नाम खसरा यानि (Measles) है। इस बीमारी के संक्रमण में 17 से अधिक मामले मिल चुके है तो वहीं पर दो बच्चों की मौत हुई है। इसे लेकर स्वास्थ्य अमला भी सतर्क हो गया है। आखिर क्या है इस बीमारी का संक्रमण और इससे कैसे बचाव करना संभव है।
क्या होता है मीसल्स का संक्रमण
यहां पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)की मानें तो, खसरा (Measles)एक तरह से बेहद संक्रामक वायरल संक्रमण माना जाता है, जो मीसल्स वायरस (MeV) के कारण शरीर में फैलता है। इसका सबसे अधिक खतरा बच्चों में देखा जाता है। इसके अलावा इस बीमारी की चपेट में कमजोर इम्युनिटी वाले लोग भी आते है।
क्या होते है इसके लक्षण
इस बीमारी के लक्षण बच्चों में अक्सर दिखाई देते है, जो इस प्रकार है…
- आंखों में रेडनेस और पानी आना
- आंखों में सूजन (कंजंक्टिवाइटिस)
- तेज बुखार (101°F से अधिक होना)
- गले में खराश और निगलने में कठिनाई
- लगातार खांसी, नाक बंद होना या बहना
- लाल-धब्बेदार दाने, जो चेहरे पर शुरू होकर पूरे शरीर में फैल जाते हैं।
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कैसे फैलता है मीसल्स
इस बीमारी को शरीर में फैलाने के लिए एक संक्रमण जिम्मेदार होता है जो एक तरह से वायुजनित यानि हवाओं में फैलने वाला ऐसा संक्रमण है जो किसी संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने या बात करने पर सांस की बूंदों (ड्रॉपलेट्स) से फैलता है। इस बीमारी की पहचान करना आसान नहीं होता है क्योंकि संक्रमित व्यक्ति लक्षण नजर आने से पहले ही वायरल फैला सकते है। यह मीसल्स का संक्रमण भीड़-भाड़ वाली या कम हवादार जगहों पर ज्यादा संक्रामक हो जाता है।
कैसे संभव है इस बीमारी का इलाज
अगर मीसल्स जैसी बीमारी के संक्रमण से बचने या फिर इसके इलाज की बात की जाए तो मंप्स और रूबेला (MMR)वैक्सीन अभी भी इस संक्रमण को रोकने के लिए सबसे प्रभावी तरीका है। वहीं पर इस संक्रमण के इलाज के लिए कोई विशेष एंटीवायरल ट्रीटमेंट नहीं किया जाता है। इसमें आप आराम करके या फिर बुखार कम करने वाली दवाओं, हाइड्रेशन से बीमारी से बच सकते है। WHO के मुताबिक, बिना टीकाकरण वाले व्यस्कों को 28 दिनों के गैप पर वैक्सीन की दो खुराक लेनी चाहिए।
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