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सीमा कुमारी
नई दिल्ली: ‘कलौंजी’ (Kalonji) देखने में भले ही काले और छोटे बीज होते हैं मगर यह पोषक तत्वों का एक पावर हाउस होते हैं। आमतौर पर, कलौंजी का इस्तेमाल ज्यादातर भारतीय घरों में मसालों के रूप में किया जाता है। अगर सही तरीके से कलौंजी का सेवन किया जाए, तो कई गंभीर बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। कुछ आयुर्वेदिक दवाइयों में भी कलौंजी का इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानें, कलौंजी के सेवन से आप कौन-कौन सी बीमारियों को कंट्रोल में रख सकते हैं और इसे इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आपके शरीर में ग्लूकोज लेवल अधिक है, तो प्रतिदिन 2 ग्राम कलौंजी का सेवन करें। इससे इंसुलिन रेजिस्टेंस घटती है। इसके साथ ही बीटा सेल कार्यप्रणाली में भी वृद्धि होती है और ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन में कमी आती है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि, एनीमिया की समस्या से परेशान लोगों के लिए भी ‘कलौंजी’ काफी गुणकारी माना जाता है। इसके लिए आप एक कप पानी लें। इसमें 50 ग्राम हरा पुदीना उबाल कर डालें और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाएं। इन सभी मिक्स सामग्री को उबालें और सुबह खाली पेट पीएं। इससे कुछ ही दिनों में एनीमिया की समस्या दूर हो जाएगी। इस दौरान खट्टी चीजों का सेवन बंद कर देना चाहिए।
मानसून सीजन में त्वचा संबंधी कई तरह की समस्याएं होती हैं। इसमें कलौंजी आपकी काफी मदद कर सकती है। इसमे एंटीबैक्टीरियल, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-वायरल, एंटी फंगल और एंटी-पैरासाइट गुण होते हैं, जो आपको इन त्वचा संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं। यह सोरायसिस, मुंहासे के लक्षणों को सुधारने और यहां तक कि विटिलिगो घावों को कम करने में भी मदद कर सकता है।
अधिकतर बच्चों को पेट में कीड़े हो जाते हैं। इससे उन्हें पेट दर्द, उल्टी जैसी समस्या हो सकती है। 10 ग्राम कलौंजी लें। इसमें 3 चम्मच शहद मिलाएं और रात में सोने से पहले बच्चे को खिलाएं। पेट के कीड़े मर जाएंगे। जली हुई कलौंजी को किसी भी हेयर ऑयल में मिलाकर नियमित रूप से सिर पर मालिश करने से गंजापन दूर हो सकता है। इसे लगातार सिर में लगाने से बाल उगने शुरू हो जाते हैं।
कलौंजी का इस्तेमाल कैसे करें
प्रतिदिन 2 ग्राम कलौंजी का सेवन करें। इनमें से आधे बीजों को भूनकर पीस लें और गुनगुने पानी में डाल दें। इसके अलावा मसाला मिश्रण भी बना सकते हैं। कुछ कलौंजी के बीज, जीरा, धनिया के बीज और सौंफ के बीज लें और उन्हें सूखा भून लें। बारीक चूर्ण बना लें। अब इसमें थोड़ा सा हल्दी पाउडर मिलाएं और इसे एक एयर-टाइट कंटेनर में रखें।
कलौंजी के बीजों को करी, ग्रेवी, चावल और चपातियों में भी मिलाया जा सकता है। वैसे तो, कलौंजी के बीजों का इस्तेमाल सुरक्षित माना जाता है, लेकिन फिर भी अपने हेल्थ एक्सपर्ट से इसके संभावित जोखिमों के बारे में जानना चाहिए और अगर यह आपके स्वास्थ्य के प्रतिकूल हो, तो इसका सेवन बंद कर दें।
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