[ad_1]
विशाल झा /गाज़ियाबाद : अगर आप भी जिम करते हैं तो खुद को आकर्षित और कॉन्फिडेंट दिखाने के लिए अपने जिम वियर को लेकर आप भी काफी कॉन्शियस होंगे. जिम में ज्यादातर स्पोर्ट्स और कंफर्टेबल कपड़े यूज किए जाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी किसी को धोती-कुर्ता और पगड़ी में जिम में कसरत करते हुए देखा है?
आपका जवाब यकीनन ना में होगा, पर गाजियाबाद के शालीमार गार्डन स्थित जिम में 53 वर्षीय परविंदर उर्फ देसी ताऊ रोजाना इन्हीं कपड़ों में जिम में कसरत करते है. इसलिए ही कसरत करने के दौरान वो आकर्षण का केंद्र बने रहते है. न केवल अपने कपड़े बल्कि गजब की फुर्ती के कारण भी युवा उनकी सराहना करते है.
कौन है गाजियाबाद के देसी ताऊ
मदीनगर के गांव में रहने वाले 53 वर्षीय परविंदर आर्य भारतीय सेना से सेवानिवृत्त है. परविंदर ने 15 साल अपनी नौकरी जाट रेजिमेंट में की. इसके बाद वो गांव वापस आ गए और कुश्ती का अखाड़ा चलाने लगे. खुद को फिट रखने के लिए परविंदर योग और जिम दोनों का ही सहारा लेते है. इसलिए रोजाना सुबह और शाम परविंदर अपने इन्हीं देसी कपड़ों में जिम जाकर कसरत करते है. उन्हें इन कपड़ों में ही कॉन्फिडेंट महसूस होता है. इसलिए जिम में कसरत कर रहे युवा उन्हें देसी ताऊ के नाम से पुकारते है.
जिम में बढ़ते हार्टअटैक के मामलों पर राय
परविंदर ने बताया कि युवाओं का खानपान ठीक नहीं है. इसके अलावा युवा जिम में अपनी क्षमता से ज्यादा कसरत करते है. जिस कारण से उनकी दिल की धड़कन भी बढ़ जाती है. शरीर से काफी ज्यादा पसीना बह जाता है और फिर इस तरीके की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है. इसके अलावा कुछ युवा ऐसे भी हैं जिन्हें कम समय में ज्यादा बॉडी बनानी है. जिसके लिए वे स्टेरॉयड (Steroid) का इस्तेमाल करते है जो सेहत के लिए खतरनाक है.
जिम में मिलने वाला न्यूट्रिशन सब्सीट्यूट का विकल्प
परमिंदर ने बताया कि पुराने समय में जिम नहीं होते थे. तब लोग खुद को फिट रखने के लिए शारीरिक श्रम करते थे. दंड बैठक लगाते थे और वृक्षों पर लटक के कसरत करते थे. पहले किसी भी प्रकार का न्यूट्रिशन सब्सीट्यूट नहीं मिलता था. जिस प्रकार से आज जिम में मिलता है. इसलिए जौ की खीर,उड़द की दाल की खीर, दूध-दही, मट्ठा -घी का सेवन करके ही हम खुद को फिट रखा करते थे.
.
FIRST PUBLISHED : July 29, 2023, 19:21 IST
[ad_2]
Add Comment