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नवभारत स्पेशल डेस्क: चीन में अभी कोरोना वायरस का मामला थमा नहीं था कि एक और रहस्यमयी निमोनिया (Pneumonia) बीमारी के प्रकोप की खबर सभी की नीदें उड़ा दी है। रहस्यमयी निमोनिया से संक्रमित बच्चों की संख्या अस्पतालों में तेजी से बढ़ रही है। हालात को देखते हुए मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चीन से अनुरोध कर डिटेल्स मांगी थी, जिसके बाद चीनी वैज्ञानिकों ने इस बीमारी को लेकर कहा है कि उनके देश में कोई असामान्य या नई बीमारी सामने नहीं आई है, लेकिन क्या आप जानते हैं चीन में इससे पहले भी कई ऐसी बीमारियां फैल चुकी हैं। जिसने समूचे देश में हाहाकार मचा दिया था।
1. कोरोना वायरस
चीन के वुहान में पनपा कोरोना वायरस लाखों लोगों की जिंदगियों को निगल गया। अमेरिका से लेकर इटली और भारत में इसका सबसे ज्यादा खौफ देखने को मिला था। भारत में कोरोना ने पहली बार 27 जनवरी 2020 को दस्तक दिया था। तब भारत में काेरोना बीमारी से संक्रमित पहला मरीज मिला था, लेकिन फिर इस बीमारी ने धीरे-धीरे पैर पसारना शुरू कर दिया।
4 मार्च को काेरोना मरीज की संख्या 7 से बढ़कर 29 हो गई थी। फिर इस बीमारी ने भारत के कई जिलों को अपने आगोश में ले लिया। स्थिति को बद्तर होतें देख लोगों की जान बचाने के लिए सरकार को पूरे देश में लॉकडाउन लगाने का फैसला लेना पड़ा।
2. जूनोटिक लांग्या वायरस
साल 2022 में चीन के शेडोंग (Shandong) और हेनान (Henan) प्रांतों में जूनोटिक लांग्या नामक वायरस पाया गया था। जूनोटिक लांग्या वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है। इससे संक्रमित होकर इंसान बीमार पड़ जाता है। इस बीमारी के लक्षणों की अगर बात करें तो इसमें बुखार, थकान, खांसी, भूख न लगना, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और मतली आना है। इसके अलावा मरीजों के वाईट ब्लड कम पाए गए हैं और किडनी, लीवर फेलियर और प्लेटलेट कम हो जाते हैं।
3. रिफ्ट वैली फीवर
साल 2016 में चीन में रिफ्ट वैली फीवर नाम वायरस बड़ी तेजी से फैला था। इस वायरस को बेहद घातक माना गया था। वैसे तो ये वायरस अफ्रीका में पाया गया था, लेकिन इसका सबसे घातक रूप चीन में देखा गया था। इस बीमारी के लक्षण सिरदर्द और बुखार हैं।
4. एंटरोवायरस
एंटरोवायरस नामक घातक वायरस चीन में 1998 में पाया गया था। एंटरोवायरस के फैलने से कई लोग इससे संक्रमित हो गए थे। उनमें से कई लोगों को तो अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी। धीरे-धीरे इसने महामारी का रूप धारण कर लिया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक इस बीमारी का असर संक्रमित शख्स के रीढ़ की हड्डियों पर होता है।
5. एवियन इंफ्लुएंजा
साल 2013 में चीन में पहली बार एवियन इंफ्लुएंजा वायरस एक शख्स में पाया गया था। इस बीमारी के कारण चीन में सैकड़ों की संख्या में लोग मारे गए थे। एवियन इंफ्लुएंजा वैसे तो पहली बार बेल्जियम में पाया गया था, लेकिन इसका सबसे घातक स्ट्रेन चीन में देखा गया था। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उत्तरी चीन में पिछले तीन वर्षों की तुलना में अक्टूबर के मध्य से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों में वृद्धि दर्ज की गई थी।
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