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सीमा कुमारी
नई दिल्ली: हर साल की तरह इस बार भी 21 जून को समूचे विश्व में ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ (International Yoga Day 2023) मनाया जाएगा। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य सिर्फ योग के फायदों के बारे में लोगों को जागरुक और प्रेरित करना है। योग करने से आपका शरीर अनेकों बीमारियों से बचा रहेगा। साथ ही आपका मन और दिमाग भी शांत रहेगा।
योग कई सदियों से भारतीय संस्कृति की परंपरा रही है। पुरातन काल से ही ऋषि मुनि योग करते रहे है। भारत की पहल पर योग के महत्व को देखते हुए इसे अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनाया गया है। हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई। अगर नहीं जानते तो आइए जानें इस बारे में-
जानकारी अनुसार, ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ की शुरुआत भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से हुई थी। 27 सितंबर को पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एकसाथ योग करने की बात कही थी इसके बाद महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को इस प्रस्ताव को स्वीकार किया था। वहीं, 2015 में पहली बार विश्व योग दिवस दुनिया भर में मनाया गया।
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21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे लोग ‘ग्रीष्म संक्रांति’ भी कहते हैं। भारतीय परंपरा के मुताबिक, ‘ग्रीष्म संक्रांति’ के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। माना जाता है कि सूर्य दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए फायदेमंद है। इसी वजह से 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया जाने लगा।
महत्व
International Yoga Day मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में योग को लेकर जागरुकता पैदा करना है। इस दिन योग के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। इसके फायदे बताए जाते हैं, जिससे लोग रोजाना योगाभ्यास करने का समय निकाल सकें। योग करने से शरीर फिट और तंदरुस्त रहता है। नियमित योग करने से कई बीमारियां दूर रहती है।
इस साल ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ की थीम
इस साल 9वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत पर वन वर्ल्ड, वन हेल्थ रखी गई है। इस थीम को आयुष मंत्रालय द्वारा चुना गया है। योग करने के जीवन में कई फायदे होते है। यह आपको फिट रखता है। रोजाना योग करने से लोगों को कई बीमारियों से निजात मिलती है। इसलिए योग को विशेष महत्व दिया गया।
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