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हरिकांत शर्मा/आगराः भारत में खाने से ज्यादा शहद औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. जब भी घर में कोई शख्स बीमार पड़ता है, जुकाम, खांसी या बुखार आता है तो उसे कई रूप में शहद खिलाया जाता है. शहद को स्वास्थ्य के लिए वरदान माना गया है. लेकिन जब आप बाजारों में शहद खरीदने जाते हैं तो आपको कई बार नकली शहद दे दिया जाता है. तो अब आप कैसे असली शहद की पहचान करें ? यह बता रहे हैं आगरा खादी ग्राम उद्योग प्रदर्शनी में आए मधुमक्खी पालक जगदीश कुमार.
आगरा खादी ग्राम उद्योग प्रदर्शनी में शहद की स्टॉल लगाने आए रामपुर के जगदीश कुमार बताते हैं कि वह पिछले 18 सालों से मधुमक्खी पालन कर रहे हैं और शहद बना रहे हैं. इसलिए उन्हें अच्छा खासा अनुभव है.
असली शहद फ्रिज में रखने पर भी जमता नहीं है
अगर आप बाजारों से खरीद रहे हैं तो आपको नकली भी मिल सकता है. असली शहद की पहचान करने के लिए आप शहद की एक दो बूंद आंखों में डालकर देख सकते हैं. शहद थोड़ी देर के लिए आंखों में जलन पैदा करेगा तो समझ लीजिए असली शहद है. इसके अलावा आप पानी के गिलास में शहद को डालेंगे तो वह बिना घुले सीधे तार की तरह गिलास के तले में कुंडली मारकर बैठ जाएगा. तो समझ लीजिए इसमें कोई मिलावट नहीं है . तीसरा अगर आप शहद को जमीन पर मिट्टी पर गिराते हैं तो शहद की बूंद बिना मिट्टी में खुले मोती की तरह चमकेगी. यह ओरिजिनल शहद की पहचान है.
बाजार में आया सफेद कश्मीरी शहद फायदे अनेक
अब तक आपने अमूमन हल्के पीले और टेराकोटा कलर का शहद देखा होगा. इसे कश्मीर में उगने वाले सफेद कीकर के फूल से तैयार किया जाता है. कीकर को आम भाषा में बाबुल भी कहते हैं. जगदीश बताते हैं कि सफेद शहद बनाने के लिए कश्मीर के कई इलाकों में मधुमक्खी पालन करते हैं. सफेद फूलों से ही यह तैयार होता है इसके कई सारे फायदे हैं. एक तो यह मीठा कम होता है आम शहद की अपेक्षा ज्यादा लाभकारी होता है. कीमत की बात की जाए तो यह ₹700 किलो के हिसाब से मिलता है.
कितने प्रकार के होते हैं शहद
जगदीश की स्टॉल्स पर 9 से 10 प्रकार के शहद है. जिसमें सदा शहद ₹300 किलो .लीची का शहद ₹400 किलो. मस्टर्ड यानी सरसों का शहद ₹250 किलो. मल्टी फ्लोर ₹500 किलो. अजवाइन का शहद ₹500 किलो. धनिया का शहद 400 से ₹500 किलो. सॉफ का शहद ₹500 किलो. सफेद बबुल का शहद ₹700 किलो है.
शहद खाने के क्या है फायदे ?
कहा जाता है कि शहद ब्लड प्रेशर लेवल मैंटेन रखता है. हार्ट रेट नहीं बढ़ता है. इम्यून सिस्टम मज़बूत रखता है.आंतों में रहने वाले अच्छे बैक्टीरिया को पोषण देता है. कील-मुहांसों को दूर करता है. साथ ही गले की खराश में फ़ायदेमंद होता है.
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Tags: Food 18, Health, Local18
FIRST PUBLISHED : December 13, 2023, 11:58 IST
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