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IGI Airport Police: कपूरथला (पंजाब) के नंगल लुभान गांव में रहने वाले हरदीप सिंह को अब भरोसा हो चला था कि दशकों से चला आ रहा उसका संघर्ष अब कुछ ही दिनों में खत्म हो जाएगा. हरदीप को यह भरोसा उस नौकरी की बदौलत पैदा हुआ था, जो उसको कुछ ही दिनों पहले यूएई में मिली थी. यूएई जाने के लिए उसका पासपोर्ट और वीजा पूरी तरह से तैयार था.
अब तो बस उस दिन का इंतजार था कि जब उसे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से यूएई के लिए फ्लाइट पकड़नी थी. इसी बीच, उसे पता चला कि उसकी फ्लाइट दिल्ली से चलकर बैंकॉक से होते हुए यूएई पहुंचने वाली है. हरदीप मन ही मन यह सोच कर खुश हो रहा था कि चलो, रास्ते में बैंकॉक भी दिख जाएगा. और, वहां उसकी बची-खुची हरसतें भी पूरी हो जाएंगी.
आखिरकार, वह दिन भी आ गया, जिस दिन हरदीप को बैंकॉक होते हुए यूएई के लिए रवाना होना था. एक्साइटमेंट में आज वह समय से पहले ही आईजीआई एयरपोर्ट पहुंच गया था. एयरपोर्ट पर बैंकॉक के लिए चेक-इन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी और वह अपनी मंजिल की तरफ अपना आखिरी कदम बढ़ा चुका था. लेकिन, इसी बीच, उसका सामना उसकी एक पुरानी ‘चाहत’ से हो गया.
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कौन है हरदीप सिंह की पुरानी चाहत?
चेक-इन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद हरविंदर इमीग्रेशन जांच के लिए बढ़ चुका था. इमीग्रेशन जांच के दौरान, इमीग्रेशन अधिकारी की निगाह पासपोर्ट के एक पन्ने पर आकर टिक गई. इस पन्ने पर हैती का वीजा लगा हुआ था. हैती का यही वीजा, हरदीप की पुरानी ‘चाहत’ थी. इमीग्रेशन अधिकारी को लगा कि हैती का यह वीजा फर्जी है, जिसके बाद पासपोर्ट को सीज कर जांच के लिए भेज दिया गया. जांच के बाद पाया गया कि हैती का यह वीजा फर्जी है. जिसके बाद, इमीग्रेशन ब्यूरो की शिकायत पर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू हुई.
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क्या पुरानी ‘चाहत’ ने भिजवा दिया जेल?
आईजीआई एयरपोर्ट के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, एफआईआर दर्ज होने के बाद, हरविंदर सिंह को गिरफ्तार कर नए सिरे से पूछताछ शुरू की गई. पूछताछ में उसने बताया कि वह बेहतर जिंदगी की चाहत में विदेश जाना चाहता था. इसी बीच, उसके गांव में ही रहने वाले बंटी के संपर्क में आया. बंटी ने उसे भरोसा दिलाया कि वह उसको यूएई भेज सकता है, जहां पहुंचने के बाद उसकी जिंदगी पूरी तरह से पलट जाएगी. बंटी की बात में फंस कर हरविंदर सिंह ने भी यूएई जाने के लिए हामी भर दी. डील 18 लाख रुपए में तय हुई. दो लाख रुपए एडवांस में दिए गए. बाकी की रमक यूएई पहुंचने के बाद देने की बात पर दोनों सहमत हो गए.
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क्या एजेंट पर भी हुई पुलिस की कार्रवाई?
बंटी की योजना के अनुसार, हरविंदर बैंकॉक होते हुए यूएई पहुंचता, इससे पहले आईजीआई एयरपोर्ट हैती का वीजा रास्ते का रोड़ा बन गया. हरदीप के बयान के आधार पर आरोपी एजेंट बंटी की तलाश शुरू की गई. 10 साल बीत गए, लेकिन लाखों की चपत लगा, एक भोले भाले शख्स को सलाखों के पीछे भेजने वाला बंटी पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहा. 10 साल बाद, आईजीआई एयरपोर्ट की कमान तेजतर्रार आईपीएस उषा रंगनानी को सौंपी गई और उन्होंने चुन-चुन कर इस तरह के सभी एजेंट को उनकी सही जगह पर भेजना शुरू किया. इसी कड़ी में, एजेंट बंटी की तलाश के लिए नए सिरे से पुलिस टीम का गठन कर छापेमारी शुरू की गई.
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क्या कभी पुलिस की पकड़ में आएगा बंटी?
डीसीपी उषा रंगनानी के निर्देश पर आरोपी एजेंट बंटी की तलाश के लिए एक बार फिर एसएचओ इंस्पेक्टर विजेंद्र राणा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें इंस्पेक्टर मोहित यादव के साथ-साथ एसआई सुधीर जून, एएसआई दीनदयाल, हेडकॉन्स्टेबल बंटी भी शामिल थे. क्या इस बार आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की कवायद रंग लाएगी, एजेंट बंटी सलाखों के पीछे जाएगा, जानने के लिए ’10 सालों तक पुलिस के लिए बना रहा पहेली, इस दांव ने पलट दी एक दशक पुरानी बाजी, जानें क्या है पूरा मामला’ पर क्लिक करें.
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Tags: Airport Diaries, Airport Security, Aviation News, Business news in hindi, CISF, Crime News, Customs, Delhi airport, Delhi police, IGI airport, Punjab news
FIRST PUBLISHED : April 9, 2024, 07:55 IST
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