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गुलशन कश्यप/जमुई. बिहार के जमुई जिला स्थित यह डैम जम्मू कश्मीर के डल लेक, चेनाब और झेलम की सुंदरता को टक्कर देता है. इतना ही नहीं यहां बोटिंग के साथ-साथ आप जम्मू कश्मीर की तरह ही शिकारा की सवारी भी कर सकते हैं. अगर आप पर्यावरण की गोद में अपनी छुट्टियां बिताने की सोच रहे हैं तो इससे बेहतर विकल्प आपके सामने हो ही नहीं हो सकता है. इस डैम की इतनी सुंदरता है कि लोग यहां खींचे चले आते हैं. पर्यटक और सैलानियों के साथ-साथ यह जगह फोटोशूट और वीडियो शूट के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. इस कारण सालों भर यह जगह पर्यटक और सैलानियों से गुलजार रहता है.
गरही डैम का इलाका इतना रमणीक है कि लोग यहां अपने परिवार के साथ घंटों समय बिताते हैं. दरअसल, यह डैम प्राकृतिक रूप से बना हुआ है. केवल एक तरफ ही इस पर बांध बनाया गया है, जबकि शेष तीनों तरफ यह डैम पहाड़ की तलहटी में बना हुआ है. यह जगह चारों तरफ पहाड़ों से घिरा है. हरे-भरे पहाड़ों और जंगलों के बीच इस डैम की खूबसूरती अद्वितीय है. सुबह और शाम के वक्त लोग यहां सनराइज एवं सनसेट का भी लुत्फ उठाने आते हैं तथा लोग फोटो खिंचवाने भी यहां आते हैं.
जमुई शहर से 24 किमी दूर है गरही डैम
गरही डैम घूमने के लिए लोग काफी दूर-दराज इलाके से आते हैं. जमुई जिला के अलावा यहां लखीसराय, नवादा, पटना, झारखंड के गिरिडीह, गुमला आदि शहरों से भी लोग यहां आते हैं. जनवरी के महीने में यहां मेला लगता है और लोग वनभोज करने के लिए यहां पर आते हैं. उस दौरान लोगों की अच्छी खासी भीड़ होती है. जमुई जिला मुख्यालय से गरही डैम की दूरी मात्र 24 किलोमीटर है और खैरा के रास्ते आसानी से सड़क मार्ग से यहां तक पहुंचा जा सकता है. तो अगर आप भी कहीं घूमने की सोच रहे हैं और जम्मू कश्मीर के शिकारा का फील उठाना चाहते हैं तो जमुई के इस डैम में आकर आप जम्मू कश्मीर वाला फील ले सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 08, 2023, 17:18 IST
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