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भारत से चल रहे कूटनीतिक तनाव के बीच भारतीय छात्रों की दिचलस्पी अब कनाडा में कम रह गई है। इसके अलावा कनाडा में आवासीय समस्याएं भी छात्रों को परेशान कर रही हैं। लिहाजा भारतीय छात्र-छात्राएं अब अमेरिका और यूके को विकल्प के रूप में चुन रहे हैं। इससे कनाडा की हालत खराब हो चुकी है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय छात्रों की संख्या में इस वर्ष 86 फीसद तक की गिरावट आई है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अब कनाडा ने अगले 2 वर्षों के लिए छात्रों की वीजा संख्या को सीमित कर दिया है। कनाडा का यह फैसला सभी विदेशी छात्रों के लिए है। इससे माना जा रहा है कि भविष्य में इसका असर कनाडा में उच्छ शिक्षा की उम्मीद रखने वाले उन भारतीय छात्रों पर पड़ सकता है, जिनके लिए ओटावा पहली पसंद है।
अपने फैसले में कनाडा सरकार ने अगले दो वर्षों के लिए छात्र वीज़ा की संख्या सीमित कर दी है। कनाडाई सरकार ने घोषणा की है कि वह अगले दो वर्षों के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्र परमिट आवेदनों की सीमा तय करेगी। सीमा का मतलब यह होगा कि 2024 में लगभग 360,000 अध्ययन परमिट स्वीकृत किए जाएंगे, जो 2023 में स्वीकृत संख्या से 35 प्रतिशत कम है। प्रत्येक प्रांत के लिए कैप की गणना जनसंख्या के आकार के अनुसार की गई है, जिसका अर्थ है कि जिन प्रांतों ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों में सबसे कम वृद्धि का अनुभव किया है, वहां 2024 में स्वीकृत अध्ययन परमिट में सबसे बड़ी कमी देखी जाएगी।
किन छात्रों पर पड़ेगा असर
कनाडा ने क्यों लिया ऐसा फैसला
सरकार के अनुसार कैप लगाने का एक मुख्य कारण कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के सामने आने वाली आवास की कमी से निपटना है। सरकार पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट प्रोग्राम के पात्रता मानदंडों में भी बदलाव कर रही है। 1 सितंबर 2024 से, निजी स्वामित्व वाले संस्थानों में अध्ययन करने के परमिट वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्र अब स्नातकोत्तर कार्य परमिट के लिए पात्र नहीं होंगे। एक और बदलाव यह है कि ओपन वर्क परमिट केवल मास्टर और डॉक्टरेट कार्यक्रमों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के जीवनसाथी के लिए उपलब्ध होंगे। स्नातक और कॉलेज कार्यक्रमों सहित अध्ययन के अन्य स्तरों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के पति या पत्नी अब पात्र नहीं होंगे। कनाडा में आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री मार्क मिलर ने कहा: “अंतरराष्ट्रीय छात्र कनाडा के लिए महत्वपूर्ण हैं और हमारे समुदायों को समृद्ध करते हैं। ऐसे में, यह सुनिश्चित करना हमारा दायित्व है कि समृद्ध शैक्षणिक अनुभव के लिए आवश्यक संसाधनों तक उनकी पहुंच हो।
2022 में 8 लाख से अधिक विदेशी छात्रों में 40 फीसद थे भारतीय
आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में कनाडा ने 800,000 से अधिक विदेशी छात्रों को अस्थायी अध्ययन वीजा जारी किया था। इस दौरान कनाडाई संस्थानों में प्रवेश लेने वाले 40% विदेशी छात्र भारतीय थे। वहीं नवंबर 2023 तक उस वर्ष जारी किए गए परमिटों में से लगभग 2.15 लाख भारतीय छात्र थे। कनाडा का कहना है कि प्रांतों और क्षेत्रों को यह तय करने के लिए छोड़ दिया जाएगा कि उनके अधिकार क्षेत्र में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के बीच परमिट कैसे वितरित किए जाएंगे। कनाडा के मंत्री मिलर ने कहा कि कुछ क्षेत्रों के लिए कटौती 50% तक होगी। संघीय सरकार को परमिट के लिए आवेदन करने वाले विदेशी छात्रों को किसी प्रांत या क्षेत्र से सत्यापन पत्र प्रदान करने की भी आवश्यकता होगी। इस फैसले को कनाडा में चल रहे आवास संकट और देश में प्रवेश करने वाले गैर-स्थायी निवासियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए संघीय सरकार पर बढ़ते दबाव की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।
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