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North Korea: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग से पूरी दुनिया परेशान है। वह जब तब न्यूक्लियर हथियारों के उपयोग की धमकी देता है। कभी परमाणु मिसाइलों का परीक्षण करता है, तो कभी जासूसी उपग्रह छोड़कर पूरी दुनिया को हैरानी में डाल देता है। किम जोंगे के कृत्यों से दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका परेशान हैं। इन सबके बीच दक्षिण कोरिया ने बड़ा दावा किया है कि किम जोंग की छोटी बेटी उनकी उत्तराधिकारी हो सकती है।
दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने इस बात की संभावना जताई है।
किम जोंग की छोटी बेटी किम जू ए है, जिसकी उम्र महज 10 साल है। नवंबर 2022 में वह पहली बार सार्वजनिक तौर पर उस वक्त नजर आई थी, जब उसने अपने पिता के साथ लंबी दूरी की मिसाइल का परीक्षण देखा था। इसके बाद से जू ए लगातार अपने पिता के साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों में शिरकत कर रही हैं। पिछले एक साल में जिस तरह से सार्वजनिक कार्यक्रमों में उसकी उपस्थिति बढ़ी है उससे ये उम्मीद और तेज हो गई है कि वे किम जोंगे की उत्तराधिकारी हो सकती हैं। इसी बात का दावा दक्षिण कोरियाकी खुफिया एजेंसी कर रही है।
पिता के बेहद नजदीक
कोरियन मीडिया लगातार उसे किम का सबसे प्रिय बच्चा कहती है। कोरियन मीडिया में ऐसी कई तस्वीरें और फुटेज हैं जो उनकी बढ़ती राजनीतिक प्रतिष्ठा और उनके पिता के साथ निकटता को साबित कर रहे है।
किम जोंग की छोटी बेटी किम जू ए की अपने पिता से ज्यादा नजदीकी है, सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान इसकी झलक अक्सर दिखती है। सितंबर में ही सैन्य परेड के दौरान वीआईपी स्टैंड में जब वह ताली बजा रही थी तो एक जनरल अपने घुटनों पर बैठकर उसके कान में कुछ फुसफुसता नजर आया था।
नवंबर में पिता किम जोंग के साथ एयरफोर्स मुख्यालय भी गई थी बेटी
नवंबर में जू ए ने अपने पिता के साथ वायु सेना मुख्यालय की यात्रा भी की थी। इसमें वह अपने पिता के सामने खड़े होकर अपनी तस्वीर खींचती हैं। इनकी चर्चा इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इनमें से अधिकांश तस्वीरें ऐसी हैं, जिनकी उत्तर कोरिया में कल्पना नहीं की जा सकती।
उत्तराधिकारी तलाश रहे हैं किम
दक्षिण कोरिया की मुख्य खुफिया एजेंसी नेशनल इंटेलिजेंस सर्विस ने गुरुवार को कहा कि वह किम जू ऐ को उनके पिता के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखती है। उनकी सार्वजनिक गतिविधियों और उन्हें प्रदान किए गए प्रोटोकॉल से इसकी संभावना बौर बढ़ गई है। एनआईएस के सार्वजनिक मामलों के कार्यालय ने एपी को बताया कि उत्तर कोरिया का तानाशाह उत्तराधिकार प्रक्रिया के संबंध में सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है, ताकि जब समय आए तब किसी तरह की मुसीबत न हो। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया की ओर से भी अभी उत्तराधिकार योजना पर सीधी टिप्पणी नहीं की गई है।
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