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George Floyd killing: अफ्रीकी मूल के अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के तीन साल बाद अमेरिकी न्याय विभाग ने माना कि मिनियापोलिस में पुलिस नियमित रूप से अत्यधिक बल का प्रयोग करती है. न्याय विभाग ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करने के साथ अश्वेत और मूल अमेरिकी लोगों के खिलाफ भेदभाव करती है. उसके गलत बेहद गलत व्यवहार करती है.
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के तीन साल बाद कहा कि मिनियापोलिस पुलिस विभाग में सुधार की गुंजाईश है. मालूम हो कि जॉर्ज फ्लॉयड मर्डर केस में पहले से ही अमेरिकी पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन सजा काट रहे हैं. दरअसल, मामला साल 2020 का है, जब अफ्रीकी मूल के अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड को पुलिस ने नकली नोट के इस्तेमाल की शिकायत के बाद गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि इसी दौरान पुलिस और जॉर्ज फ्लॉयड में झड़प हुई.
सोशल मीडिया पर मचा था बवाल
तब अमेरिकी पुलिस के अधिकारी डेरेक चाउविन ने फ्लॉयड को जमीन पर पटक दिया और उनके गर्दन को घुटनों से दबा दिया. इससे फ्लॉयड की मौत हो गई. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस मामले में न्याय विभाग ने शुक्रवार को कहा कि जांच के दौरान हमने पाया कि मिनियापोलिस पुलिस विभाग नियमित रूप से अत्यधिक बल का उपयोग करती है. पुलिस तब भी बल का प्रयोग करती है, जब कोई बल आवश्यक काम नहीं होता है. जिसमें अन्यायपूर्ण घातक बल का अनुचित उपयोग भी शामिल है.
संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती है पुलिस: कोर्ट
न्याय विभाग ने कहा कि रिपोर्ट में पाया गया कि पुलिस के अधिकारी अक्सर नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करते है. इससे पहले मिनियापोलिस में कई लोगों ने शिकायत की थी कि फ्लॉयड के खिलाफ चाउविन द्वारा बल का अत्यधिक उपयोग कोई असाधारण मामला नहीं था, बल्कि शहर के पुलिस अधिकारियों द्वारा अश्वेत लोगों के अधिकारों का हनन करना आम बात है.
गौरतलब है कि अमेरिकी कोर्ट ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के मामले में डेरेक चाउविन को दोषी करार दिया था. उन्हें 22.5 साल की सजा सुनाई गई थी. कोर्ट ने डेरेक चाउविन को तीन आरोपों में दोषी पाया गया था. उन्हें दूसरे दर्जे की गैर-इरादतन हत्या, तीसरे दर्जे की हत्या और दूसरे दर्जे की निर्मम हत्या का दोषी पाया गया था.
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