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दुनिया भर में सेमीकंडक्टर की बढ़ती मांग और आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस (एआइ) के दौर में भारत-अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने आपस में हाथ मिला लिया है। अपने तीनों देश मिलकर सेमीकंडक्टर से लेकर एआइ समेत अन्य क्षेत्रों में अपना लोहा मनवाने को तैयार हैं। भारत-अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका की तिकड़ी देखकर चीन जैसे दुश्मनों का अभी से होश उड़ने लगा है। जून में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान ही प्रधानमंत्री मोदी ने एआइ और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भारत में बड़ा कदम उठाने का ऐलान किया था। लिहाजा उसी दिशा में अब देश ने रफ्तार पकड़ी शुरू कर दी है।
भारत, अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच हुई त्रिपक्षीय वार्ता में सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, कृत्रिम मेधा (एआई), महत्वपूर्ण खनिजों और सैन्य साजो-सामान का उत्पादन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर प्रमुखता से चर्चा हुई। अमेरिका द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, सियोल में हुई बैठक तीन देशों के बीच पहली ऐसी त्रिपक्षीय वार्ता थी। अमेरिकी दूतावास ने कहा कि पिछले दिनों हुई बैठक में संवेदनशील प्रौद्योगिकी की रक्षा एवं क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर विश्वसनीय प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी बनाने के उपायों के समन्वय के लिए प्रतिबद्धता जताई गई।
भारत-अमेरिका और दक्षिण कोरिया में सहयोग पर सहमति
बयान के अनुसार इस पहली त्रिपक्षीय प्रौद्योगिकी बैठक में, अमेरिका, दक्षिण कोरिया और भारत ने सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला, दूरसंचार और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, कृत्रिम मेधा, अंतरिक्ष, स्वच्छ ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिजों को लेकर सहयोग के अवसरों पर चर्चा की। दूतावास ने कहा कि बैठक में फार्मा आपूर्ति श्रृंखला, रक्षा औद्योगिक विकास और उत्पादन, जैव प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में संभावित सहयोग पर भी विचार-विमर्श किया गया। (भाषा)
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