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भारत-अमेरिका स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) ने कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो के आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने आधारहीन आरोप के बहाने भारत और अमेरिका की स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को भी चोट पहुंचाने का प्रयास किया है। इससे भारत-अमेरिका के रिश्ते बिगड़ सकते थे। हालांकि ट्रूडो इसमें कामयाब नहीं हो सके। भारत और अमेरिका अपने सबसे बेहतरीन रिश्तों के दौर में हैं। दोनों देशों की दोस्ती बेहद मजबूत दिशा में आगे बढ़ रही है। (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष मुकेश अघी का कहना है कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले महीने संसद में बिना ठोस सबूत के भारत के खिलाफ आरोप लगाए।
खालिस्तानी अलगाववादी नेता व आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की संलिप्तता के ट्रूडो के आरोपों के बाद पिछले महीने भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया था। भारत ने कनाडा के आरोपों को निराधार करार देकर खारिज किया है। अघी ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में शुक्रवार को कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक महत्वपूर्ण मुद्दे को बिना किसी ठोस सबूत के संसद में उठाया गया और इससे दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत और कनाडा के बीच संबंध काफी पुराने हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार बहुत बड़ा है। 2,30,000 से अधिक भारतीय छात्र वहां (कनाडा) पढ़ते हैं। कनाडा ने भारत में लगभग 55 अरब डॉलर का निवेश किया है। ऐसे में, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक देश के प्रधानमंत्री संसद में कहते हैं कि ‘‘विश्वसनीय आरोप’’ हैं और यह साबित करने के लिए सबूत पेश नहीं कर पा रहे हैं कि ये आरोप विश्वसनीय हैं।
ट्रूडो को दिखानी होगी परिपक्वता
’’ यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष अघी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि परिपक्वता से स्थिति को संभालना होगा, क्योंकि इसका प्रभाव पड़ता है। कनाडा भारत पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका का सहारा लेना चाहता है।’’ एक सवाल के जवाब में अघी ने कहा कि कनाडा और भारत के बीच राजनयिक विवाद का भारत-अमेरिका संबंधों पर असर पड़ेगा, लेकिन लंबी अवधि में भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंध गहरे और व्यापक होते रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका-भारत संबंध भूराजनीतिक हैं। ये आर्थिक मुद्दों और भारतीय-अमेरिकी प्रवासियों से जुड़े हैं। हां, इसका (भारत-कनाडा विवाद) प्रभाव पड़ेगा, लेकिन लंबी अवधि में संबंध गहरे और व्यापक होते रहेंगे।’’ अघी ने दावा किया कि कनाडा के प्रधानमंत्री ने घरेलू राजनीति और अपने राजनीतिक अस्तित्व के लिए एक सिख बहुल पार्टी पर उनकी निर्भरता के चलते ये आरोप लगाए। (भाषा)
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