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करीब 70 वर्ष पहले युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने कोरिया को बड़ी सैन्य मदद पहुंचाई थी। कोरियाई युद्ध के संघर्ष विराम की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर यहां एक फोटो प्रदर्शनी लगाकर कोरियाई लोगों ने भारतीय सैनिकों की इस अद्भुत सेवा और समर्पण को याद किया। युद्ध के दौरान घायल हुए कोरियाई सैनिकों को भारतीय थलसेना की चिकित्सा इकाई ‘इंडियन 60 पैरा फील्ड एम्बुलेंस’ ने अपने योगदान से उनकी जान बचाई थी। कोरिया ने भारतीय सैनिकों की इस टुकड़ी को विशेष रूप से दर्शाया गया है।
‘कोरियन कल्चरल सेंटर इंडिया’ द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी में 60 पैरा फील्ड एम्बुलेंस की 32 तस्वीरें हैं, जिसमें वह युद्ध के दौरान सैनिकों तथा नागरिकों को मेडिकल सहायता मुहैया कराती दिख रही है। कोरियन कल्चरल सेंटर इंडिया के निदेशक ह्वांग इल-योंग ने एक बयान में कहा, ‘‘इस प्रदर्शनी के जरिए सांस्कृतिक केंद्र का उद्देश्य 60 पैरा फील्ड एम्बुलेंस की सराहना करना है और यह याद दिलाना है कि उनके बलिदान के कारण ही आधुनिक कोरिया का विकास हो पाया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि कोरिया-भारत कूटनीतिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ और कोरियाई युद्ध के संघर्ष विराम की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर इस प्रदर्शनी से दोनों देशों के बीच मित्रता और प्रगाढ़ होगी।
1950 में कोरिया भेजे गए भारतीय सैनिक मदद पहुंचाकर 1954 में लौटे
कोरिया के सांस्कृतिक केंद्र के अनुसार, भारत ने 60 पैरा फील्ड एम्बुलेंस ने नवंबर 1950 में 627 कर्मियों को तैनात किया, जो कोरियाई युद्ध के दौरान किसी भी देश से तैनात किए गए सबसे अधिक चिकित्सीय सहायता कर्मी थे। लेफ्टिनेंट कर्नल एजी रंगराज की कमान में इस सैन्य इकाई ने 2.2 लाख घायल सैनिकों और नागरिकों को उपचार मुहैया कराया और 2,324 सर्जरी की। कोरिया में तीन वर्ष तक सेवा देने के बाद ये कर्मी फरवरी 1954 में भारत लौट गए। प्रदर्शनी 27 जुलाई तक रहेगी। कोरियाई भारतीय सैनिकों की इस मदद का कायल है। इसे याद कर कोरियाई भावुक हो रहे हैं। साथ ही उन्होंने भारत से हमेशा ऐसी ही मित्रता बनाए रखने की अपील की है। (भाषा)
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