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Crime In Karachi: पाकिस्तान में आपराधिक वारदातों में लगातार वृद्धि हुई है। सबसे बुरा हाल तो कराची का रहा है। कराची को पाकिस्तान का आर्थिक केंद्र भी कहा जाता है। इस बीच कराची की सड़कों पर बढ़ते अपराध को देखते हुए सियासत भी शुरू हो गई है। सिंध प्रांत के विपक्ष ने शहर का प्रशासन सेना के हाथों में देने की मांग की है ताकि देश के सबसे बड़े शहर में जुर्म पर नकेल कसी जा सके।
‘कराची फौज को सौंप दो’
विपक्षी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के नेताओं ने प्रांत में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सरकार पर सियासी हमला करते हुए कहा कि कराची के निवासियों को आंतरिक सिंध के अपराधियों और डकैतों के ‘रहम-ओ-करम’ पर छोड़ दिया गया है। एमक्यूएम-पी के संयोजक मुस्तफा कमाल ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, “मैं कराची को तीन महीने के लिए पाकिस्तानी फौज को सौंपने का आह्वान करता हूं ताकि अराजकता और सड़कों पर होने वाले जुर्म पर काबू पाया जा सके।”
क्या कहते हैं आंकड़े
कराची पुलिस के आधिकारिक आंकड़े से पता चलता है कि इस साल अबतक शहर की सड़कों पर 16,000 से अधिक अपराधों को अंजाम दिया जा चुका है। लूट का विरोध करने पर अपराधी हत्या कर देते हैं। मार्च में ऐसे अपराधियों ने 16 लोगों की हत्या कर दी थी जबकि इस साल 50 से ज्यादा लोगों का कत्ल किया जा चुका है।
कोर्ट ने दिया कार्रवाई का आदेश
सिंध उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अकील अहमद अब्बासी ने हाल ही में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को कराची में सड़कों पर होने वाले अपराध पर अंकुश लगाने और प्रांत के अन्य हिस्सों में सुरक्षा में सुधार करने के लिए अपराधियों, उनके आकाओं और मददगारों पर कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया था। सिंध विधानसभा में 28 सीट और कराची से नेशनल असेंबली में 17 सीट जीतने वाली एमक्यूएम-पी ने केंद्र में गठबंधन सरकार से अलग होने की भी धमकी दी है। (भाषा)
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