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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने एक बड़ा ऐलान किया है। पुतिन के इस ऐलान से यूक्रेन से लेकर अमेरिका और नाटो देशों में खलबली मची है। दरअसल रूस में राष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है। अगर पुतिन फिर से राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो यह यूक्रेन समेत, अमेरिका और नाटों देशों के लिए सबसे बुरी खबर होगी। यूक्रेन और पश्चिमी देश नहीं चाहते कि पुतिन के हाथों में दोबारा रूस की सत्ता आए। मगर इसी बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की है कि वह देश के शीर्ष पद के लिए 2024 में होने वाला अगला चुनाव भी लड़ेंगे। पुतिन के इस ऐलान ने यूक्रेन और यूरोपीय देशों की नींद उड़ा दी है।
रूस की सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी। पुतिन ने इस घोषणा से छह साल के एक और कार्यकाल के लिए अपनी इच्छा जाहिर कर दी है, जिसमें उनका जीतना तय माना जा रहा है। लगभग एक चौथाई सदी तक सत्ता में रहने के बाद और यूक्रेन युद्ध के काफी महंगा साबित होने के बावजूद पुतिन को अभी भी व्यापक समर्थन प्राप्त है। यूक्रेन युद्ध में रूस के भी हजारों लोग मारे गए हैं और इसकी वजह से रूस के भीतर बार-बार हमले हुए हैं तथा एक हमला क्रेमलिन पर भी हुआ। जून में येवगेनी प्रिगोझिन द्वारा किए गए अल्पकालिक विद्रोह से व्यापक अटकलें लगने लगी थीं कि पुतिन अपनी पकड़ खो सकते हैं, लेकिन वह स्थिति पर नियंत्रण पाने में सफल रहे।
1999 में बने थे रूस के राष्ट्रपति
पुतिन पहली बार 1999 में रूस के राष्ट्रपति बने थे। उन्होंने बोरिस येल्तिसन के बाद यह पद संभाला था। पुतिन दरअसल जोसेफ स्टालिन के बाद किसी अन्य रूसी शासक की तुलना में लंबे समय तक देश के राष्ट्रपति पद पर रहे हैं। इससे पहले लियोनिड ब्रेजनेव 18 सालों तक रूस के राष्ट्रपति रहे थे, लेकिन पुतिन ने उन्हें भी पीछे छोड़ दिया। पुतिन 7 अक्टूबर को ही 71 साल के हुए थे।
खुफिया जासूस भी रह चुके हैं पुतिन
7 अक्टूबर 1952 को सोवियत संघ के लेनिनग्राड में व्लादिमीर व्लादिमीरोविच पुतिन और मारिया इवानोवना के घर व्लादिमीर पुतिन का जन्म हुआ। वो अपने माता-पिता की तीसरी संतान थे। उनके दो बड़े भाइयों की बचपन में ही बीमारी से मौत हो गई थी। यही पुतिन आगे जाकर खुफिया एजेंसी केजीबी के जासूस बने और फिर रूस के राष्ट्रपति। पुतिन ने घोषणा की है कि चुनाव के औपचारिक ऐलान होने के बाद वह तय करेंगे कि वह अपने पांचवें कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ेंगे या नहीं-हालांकि सूत्रों से संकेत मिलता है कि वह चुनाव लड़ेंगे। उनके पहले राष्ट्रपति कार्यकाल (2000-08) के अंत में उनके चुने गए उत्तराधिकारी दिमित्री मेदवेदेव थे। (एपी)
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