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Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। रूस और यूक्रेन दोनों देश एकदूसरे पर हमलावर हैं। यूक्रेन भी लगातार रूस पर पलटवार कर रहा है। पश्चिमी देशों से मिल रही मदद से यूक्रेन भी हमलावर रुख अपनाए हुए है। जंग के बीच ही रूस ने बड़ा दावा किया है। रूस ने कहा है कि उसने यूक्रेन के बड़े हमले को नाकाम कर दिया है। साथ ही 234 यूक्रेनी लड़ाकों को मार गिराया है।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार रात को कहा कि उसकी सेना और सुरक्षा बलों ने रूस के सीमावर्ती क्षेत्र में हुए हमले को नाकाम करते हुए 234 लड़ाकों को मार गिराया है। मंत्रालय ने एक बयान में हमले के लिए कीव शासन और यूक्रेन के आतंकवादी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि रूस की आर्मी यूक्रेनी हमलावरों को रोकने और सीमा पार से होने वाले हमलों को नेस्तनाबूत करने में पूरी तरह सक्षम है। बयान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि हमलावरों के सात टैंक और पांच बख्तरबंद वाहनों को तबाह कर दिया गया। मंगलवार सुबह सीमा पर हुई लड़ाई के बारे में कोई खास सूचना नहीं है। दरअसल, रूस और यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से क्षेत्र में सीमा पार से छिटपुट हमले होते रहे हैं, लेकिन दोनों पक्षों की ओर से अलग-अलग दावे किए जाने के कारण स्थिति हमेशा अस्पष्ट ही रही है।
यूक्रेनी ड्रोन ने रूसी तेल प्रतिष्ठानों पर किया अटैक
रूसी अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार को यूक्रेन के ड्रोन ने रूस के अंदर दो तेल प्रतिष्ठानों पर हमला किया। वहीं यूक्रेन के रूसी विरोधियों ने दावा किया है कि सशस्त्र बलों ने रूस के सीमावर्ती क्षेत्र में घुसपैठ की है। कीव के अधिकारियों का कहना है कि ये सैनिक यूक्रेन के लिए लड़ने वाले रूसी स्वयंसेवक हैं और उन्होंने सीमा पार करने का दावा किया है।
‘पुतिन की तानाशाही से चाहिए मुक्ति’
‘फ्रीडम ऑफ रशिया लीजन’, ‘रशियन वालंटियर कॉर्प्स’ और ‘साइबेरियन बटालियन’ ने सोशल मीडिया पर बयान और वीडियो जारी कर रूसी क्षेत्र में होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि वे रूस को पुतिन की तानाशाही से मुक्त कराना चाहते हैं।
दो साल से जारी है भीषण जंग
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले दो साल से भीषण युद्ध जारी है रूस ने इस युद्ध में यूक्रेन के एक बड़े इलाके पर अपना कब्जा कर लिया है। वहीं रूस को भी इस युद्ध से गंभीर नुकसान पहुंचा है। इस पूरी लड़ाई में रूस के हजारों सैनिक मारे गए हैं। अगर पश्चिमी देशों के आंकड़ों को देखे तो इस युद्ध में रूस के 3 लाख से ज्यादा सैनिक मारे जा चुके हैं। इस कारण रूस की सेना में सैनिको कि कमी पड़ रही है। उधर, अमेरिका सहित पश्चिमी देशों से यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक मदद मिल रही है। इससे यूक्रेन और हमलावर हो गया है।
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