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संयुक्त राष्ट्र: अब सशस्त्र समहूों से संयुक्त राष्ट्र की सेना भी सुरक्षित नहीं रह गई है। इससे दुनिया के तमाम देशों में दहशत का माहौल बढ़ता जा रहा है। ताजी घटना में पूर्वी कांगो में एक सशस्त्र समूह के सदस्यों ने संयुक्त राष्ट्र के एक हेलीकॉप्टर पर शुक्रवार को गोलीबारी की, जिसमें दक्षिण अफ्रीका के दो शांति रक्षक घायल हो गए। इससे सशस्त्र समूहों के व्यापक होते दायरे का अंदाजा लगाया जा सकता है। समुद्र में भी मालवाहक जहाजों को ऐसे ग्रुप लगातार निशाना बना रहे हैं। हैरानी की बात है कि ऐसे समूह अत्याधुनिक हथियारों और ड्रोन से भी लैस हैं।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा विभाग को आशंका है कि यह हमला मसीसी क्षेत्र में उत्तर कीवू प्रांत के करुबा क्षेत्र में एम23 विद्रोही समूह ने किया। पूर्वी कांगो में 120 से अधिक समूह सत्ता, जमीन और कीमती खनिज संसाधनों के लिए लड़ रहे हैं जिसके कारण वहां दशकों से हिंसा का दौर जारी है। सशस्त्र समूहों ने संसाधन संपन्न क्षेत्र में लंबे समय से हिंसक अभियान चलाया हुआ है और उस पर सामूहिक हत्याओं का आरोप लगता रहा है।
यूएन ने की हमले की निंदा
ऐसे समूहों का यह संघर्ष 2021 के अंत में बढ़ गया जब एम23 ने क्षेत्र पर कब्जा जमाने के लिए हमले शुरू किए। इस समूह को कथित तौर पर पड़ोसी देश रवांडा का समर्थन प्राप्त है। रवांडा की सरकार हालांकि इससे इनकार करती रही है। दुजारिक ने बताया कि जिस हेलीकॉप्टर को निशाना बनाया गया, वह किसी तरह गोमा में सुरक्षित उतरा और शांतिरक्षकों का उपचार किया जा रहा है। कांगो में संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षक प्रमुख बिनतोउ कीटा ने विमान पर हमले की निंदा की है। (एपी)
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